पंजाब के तरनतारन में शौर्य चक्र से सम्मानित एक्टिविस्ट बलविंदर सिंह की हत्या कर दी गई। बलविंदर सिंह ने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के दौर में बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया था। उन पर 42 बार आतंकियों ने हमला किया था। इसके चलते उन्हें परिवार समेत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। शौर्य चक्र शांति काल में दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पदक है। बलविंदर का घर भिखीविंड कस्बे में है। शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे बलविंदर सिंह घर पर थे, तभी अचानक कुछ लोग उनके घर में घुस गए और गोलियां चलाना शुरू कर दीं। इससे बलविंदर की मौके पर ही मौत हो गई।
भाई ने कहा- इस हमले के पीछे आतंकी हो सकते हैं
बलविंदर के भाई रणजीत सिंह ने संदेह जताया है कि इस हमले के पीछे आतंकी हो सकते हैं। पुलिस अधिकारी अभी इस बारे में कुछ भी नहीं बता रहे हैं। पुलिस पर ढिलाई बरतने का भी आरोप है। परिवार के मुताबिक, हमले की जानकारी दिए जाने के आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि थाना घर के पास ही है।
2017 में भी बलविंदर पर हमला हुआ था
कुछ महीनों पहले बलविंदर की सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उन्होंने पंजाब सरकार के इस फैसले का विरोध किया था, क्योंकि उन पर पहले भी हमला हो चुका था। 2017 में कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनके घर पर कई राउंड गोलियां चलाई थीं। इसमें उनका परिवार बच गया था।
बलविंदर पर 42 बार हमला हो चुका था
पंजाब में जब आतंकवाद चरम सीमा पर था, तो बलविंदर सिंह पर 42 बार हैंड ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर से हमले हुए थे। हर बार बलविंदर ने आतंकियों से लोहा लिया था। उन्होंने कई आतंकियों को तब मार गिराया था।
इसके बाद बलविंदर को 1993 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उनके साथ पत्नी जगदीप कौर, भाई रणजीत सिंह और भूपिंदर सिंह को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। बलविंदर के जीवन पर दूरदर्शन पर प्रसारित ‘पंजाब एक यात्रा’ व अन्य कई टेलीफिल्म भी बनी थी। वे अपने घर के पास ही एक स्कूल चलाते थे।