संगरूर सीट पर मतगणना LIVE:सिमरनजीत मान 5628 वोटों से आगे, AAP दूसरे नंबर पर; 20 हजार वोटों की गिनती बाकी

तीसरे नंबर पर कांग्रेस के दलवीर गोल्डी , चौथे नंबर पर भाजपा के केवल ढिल्लो और पांचवें नंबर पर अकाली दल की कमलदीप कौर राजोआणा है। अभी तक 6.88 लाख वोटों की गिनती हो चुकी है। अब 20 हजार से कम वोटों की गिनती होनी बाकी है।

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संगरूर. पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना जारी है। शिअद अमृतसर के सिमरनजीत मान की लीड 5628 हो गई है। दूूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह हैं। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के दलवीर गोल्डी , चौथे नंबर पर भाजपा के केवल ढिल्लो और पांचवें नंबर पर अकाली दल की कमलदीप कौर राजोआणा है। अभी तक 6.88 लाख वोटों की गिनती हो चुकी है। अब 20 हजार से कम वोटों की गिनती होनी बाकी है।

यहां 23 जून को मतदान हुआ था। संगरूर सीट पंजाब के CM भगवंत मान का गढ़ रही है। वह लगातार 2 बार रिकॉर्ड अंतर से यहां से चुनाव जीते। वहीं संगरूर चुनाव परिणाम को लेकर पंजाब की 100 दिन पुरानी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की साख भी दांव पर लगी है।

31 साल बाद सबसे कम मतदान, नेताओं की चिंता बढ़ी
संगरूर सीट पर 31 साल बाद सबसे कम 45.50% मतदान हुआ है। इससे पहले 1991 में 10.9% वोटिंग हुई थी। इसको लेकर नेताओं की चिंता बढ़ी हुई है। खासकर, जब भगवंत मान लगातार 2 बार यहां से चुनाव जीते तो 2014 में 77.21% और 2019 में 72.40% मतदान हुआ था। इस बार कम मतदान से सब चिंता में हैं कि कम वोटिंग का नुकसान किसे उठाना पड़ेगा।

भगवंत मान लगातार 2 बार संगरूर से सांसद चुने गए। इस बार धूरी सीट से विधानसभा चुनाव जीतने और पार्टी को बहुमत मिलने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया।
भगवंत मान लगातार 2 बार संगरूर से सांसद चुने गए। इस बार धूरी सीट से विधानसभा चुनाव जीतने और पार्टी को बहुमत मिलने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया।

मूसेवाला हत्याकांड छाया रहा, सिमरजीत मान बने चुनौती
संगरूर सीट पर हुए उपचुनाव में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का हत्याकांड छाया रहा। विरोधी पार्टियों ने इसके लिए CM भगवंत मान की अगुआई वाली AAP सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मूसेवाला इस चुनाव में शिअद (अमृतसर) के सिमरजीत सिंह मान के लिए प्रचार करने वाले थे। इसी वजह से संगरूर सीट पर यूथ आप का साथ छोड़ मान का प्रचार करता रहा। इसी वजह से आप को सिमरजीत मान से कड़ी टक्कर के आसार हैं।

अकाली दल के पंथक एजेंडे की भी दिखेगी असलियत
पंजाब में लगातार 2 विधानसभा चुनावों में करारी हार देखने वाले अकाली दल(बादल) ने यहां पंथक एजेंडे का दांव चला था। उन्होंने बंदी सिखों की रिहाई के नाम पर चुनाव लड़ा। वहीं जेल में बंद बेअंत हत्याकांड के दोषी बलवंत राजोआणा की बहन कमलदीप कौर को उम्मीदवार बनाया।

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