पंजाब महिला आयोग चेयरपर्सन मामले में सुनवाई आज:याचिका के निपटारे पर होगी नई चेयरपर्सन की नियुक्ति; हाईकोर्ट से गुलाटी की याचिका खारिज

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पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी को राज्य सरकार द्वारा पद से हटाने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा मनीषा गुलाटी की याचिका को पहले ही खारिज किया जा चुका है। लेकिन हाईकोर्ट में फिलहाल मामले का निपटारा नहीं हुआ है।

दरअसल, हाईकोर्ट में इस मामले का निपटारा नहीं होने तक पंजाब सरकार द्वारा राज्य महिला आयोग की नई चेयरपर्सन की नियुक्ति नहीं की जा सकेगी। यही कारण है कि आज मामले में सुनवाई को अहम माना जा रहा है। यदि आज मामले का निपटारा हो जाता है तो पंजाब सरकार के लिए महिला आयोग की नई चेयरपर्सन की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।

याची ने अस्पष्टता और तकनीकी कारणों को आधार बनाया
इससे पहले याची मनीषा गुलाटी द्वारा सरकारी आदेश में कारण स्पष्ट नहीं होने समेत तकनीकी कारणों को आधार बनाते हुए राज्य सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। याची गुलाटी ने सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।
याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि उनकी नियुक्ति तय प्रक्रिया के तहत तीन वर्ष के लिए 13 मार्च 2018 को की गई थी। इसके बाद उन्हें 18 सितंबर 2020 से 19 मार्च 2021 और फिर 18 मार्च 2024 तक एक्सटेंशन तय प्रक्रिया के तहत दी गई। याची ने बताया कि पंजाब सरकार ने बीती 31 जनवरी को उनकी एक्सटेंशन का आदेश रद्द करते हुए कहा था कि उन्हें एक्ट का उल्लंघन कर सेवा विस्तार दिया गया है।

एक्सटेंशन रद्द करने का आदेश गलत
इससे पहले याची मनीषा गुलाटी ने याचिका में कहा था कि जिस अथॉरिटी व एक्ट के तहत उन्हें नियुक्ति दी गई, उसी के तहत उन्हें सेवा विस्तार भी दिया जा सकता है। ऐसे में एक्सटेंशन रद्द करने का आदेश गलत बताते हुए फैसले को रद्द किए जाने की मांग की गई थी।

पंजाब सरकार ने फैसला लिया था वापस
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने बीती 15 फरवरी को गुलाटी को पद से हटाने का निर्णय वापस लेने की जानकारी हाईकोर्ट को दी थी। इस पर हाईकोर्ट द्वारा याचिका का निपटारा कर दिया गया था। लेकिन पंजाब सरकार ने गुलाटी को दोबारा पद से हटाने का आदेश जारी किए। इस आदेश में कारण स्पष्ट नहीं होने और आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए गुलाटी ने हाईकोर्ट में दूसरी बार याचिका दायर की थी।

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