शंभू बॉर्डर से किसानों का दिल्ली मार्च:हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछारें मार खदेड़ा, 5 किसान घायल

फूल बरसाने के बाद पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे। जिसमें 3 किसान घायल हो गए। घायल किसानों की पहचान करनैल सिंह, मेजर सिंह, दिलबाग सिंह गिल के रूप में हुई है। जिन्हें पटियाला के राजपुरा में रेफर किया गया है। अब तक 4 किसान घायल हो चुके हैं। किसानों का जत्था वापस बुलाया, सरवन पंधेर लेने पहुंचे

पंजाब के 101 किसान दोपहर 12 बजे पैदल शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच बहस हो रही है।

हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा है। उनका कहना है कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। किसान पीछे की तरफ भागे।

प्रदर्शनकारी किसानों पर हरियाणा पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, शंभू बॉर्डर  पर मार्च रोका

इसके बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों पर फूल भी बरसाए और फिर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए। जिसमें 3 किसान घायल हुए। इससे पहले एक किसान घायल हुआ था। अब तक 4 किसान घायल हो चुके हैं।

किसान नेता सर‌वन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने 101 किसानों की लिस्ट जारी की है। उधर, हरियाणा पुलिस का कहना है कि हम पहले किसानों की पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने देंगे। हमारे पास 101 किसानों के नामों की लिस्ट है और वे (किसान) लोग नहीं हैं। वे हमें अपनी पहचान नहीं करने दे रहे हैं। किसान हथियार लेकर आए हैं।

वहीं हरियाणा और पंजाब पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। किसान केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें कर रहे हैं।

इससे पहले 6 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 8 किसान घायल हो गए। इसके बाद पंधेर ने किसानों को वापस बुला लिया।

हरियाणा पुलिस और किसानों के क्या-क्या इंतजाम…

हरियाणा पुलिस: किसानों को रोकने के लिए पुल के ऊपर और नीचे करीब 1000 जवान तैनात किए हैं। 3 वज्र वाहन खड़े किए। आंसू गैस के गोलों के डिब्बे रखे हैं।

किसान: घायलों को ले जाने के लिए 10 एंबुलेंस के अलावा 7 गाड़ियां तैनात की हैं। आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए 500 मीटर के दायरे में पानी के टैंकरों और बोरियों का इंतजाम किया है। किसानों को चश्मे और मास्क के साथ नमक भी दिया है। दरअसल, आंसू गैस से सांस लेने में दिक्कत होती है। नमक चाटने से राहत मिलती है।

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