पंजाब में कृषि विधेयकों का विरोध तेज:रेल ट्रैक, टोल प्लाजा और कॉर्पोरेट घरानों के आउटलेट पर धरना, शहरों में जगह-जगह जाम; अमृतसर और तलवंडी साबो से अकाली दल का मार्च शुरू

केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब में 31 किसान संगठन गुरुवार से फिर अनिश्चित काल के लिए रेल ट्रैकों पर पंजाब से 14 यात्री ट्रेनें बंद, फिरोजपुर, अमृतसर व जालंधर से यात्री गाड़ियों को अंबाला, दिल्ली आदि स्टेशनों से आंशिक रूप से चल रही ट्रेनें अकाली दल के रोष मार्च में अमृतसर से प्रधान सुखबीर बादल के नेतृत्व में शुरू, तलवंडी साबो से हरसिमरत कौर और केशगढ़ से प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा संभालेंगे मार्च की कमान

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बठिंडा। केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब में 31 किसान संगठन गुरुवार से फिर अनिश्चित काल के लिए रेल ट्रैकों पर हैं। रेलवे ने पहले ही ट्रेनों को रद्द कर रखा है। सूबे के 7 रेलवे ट्रैकों पर किसान सुबह से ही टैंट लगाकर धरने पर बैठ गए हैं। इसके अलावा 6 टोल प्लाजा समेत कुल 29 कार्पोरेट कारोबारों पर भी दिन-रात के पक्के धरने लगाए जा रहे हैं। इसी बीच गुरुवार को अकाली दल की तरफ से तीन जगह से रोष मार्च निकाला जा रहा है, जिनमें से अमृतसर स्थित अकाल तख्त से सुखबीर बाद तो बठिंडा के तलवंडी साबो से हरसिमरत कौर की कमान में तो काफी वााहनों का काफिला चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुका है। यह मार्च अलग-अलग शहरों से होता हुआ चंडीगढ़ पहुंचेगा। वहां शिरोमणि अकाली के नेता पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे।

अमृतसर में अकाली दल के रोष मार्च का नेतृत्व करते सुखबीर बादल और अन्य नेता।
अमृतसर में अकाली दल के रोष मार्च का नेतृत्व करते सुखबीर बादल और अन्य नेता।
बठिंडा जिले के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब से शुरू हुए अकाली दल के रोष मार्च की अगुवाई करती पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर।
बठिंडा जिले के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब से शुरू हुए अकाली दल के रोष मार्च की अगुवाई करती पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर।

अमृतसर के जंडियाला गुरु क्षेत्र के गांव देवीदासपुरा में किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक पर लगातार दिए जा रहा धरना आज आठवें दिन में प्रवेश कर गया। यहां किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वो कॉर्पोरेट घरानों का बहिष्‍कार करें। लोग हर चौक-चौराहे पर इनके पुतले फूंकें और छोटी-छोटी दुकानों को बढ़ावा दें। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि अनिश्चित काल के लिए रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया है। इसी तरह फिरोजपुर में किसानों ने पहले से ही ट्रैक पर धरना दे रखा है। आज किसानों ने अंबानी और अडानी कॉरपोरेट घरानों का पुतला जलाया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

संगरूर रेलवे स्टेशन पर टैंट लगा और मैट बिछाकर धरने धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान।
संगरूर रेलवे स्टेशन पर टैंट लगा और मैट बिछाकर धरने धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान।

और कहां-कहां लगेंगें दिन-रात के पक्के धरने?

पटियाला के धबलान में, संगरूर के संगरूर और सुनाम में, मानसा के बुढलाडा और मुक्तसर के गिद्दड़बाहा में रेल ट्रैक जाम हैं। कालाझाड़ (संगरूर), बडबर (बरनाला), लहराबेगा और जीता (बठिंडा), कत्थूनंगल (गुरदासपुर) और इसके अलावा शंभू बैरियर समेत 6 टोल प्लाजा पर भी किसानों का कब्जा रहेगा।

मोगा में टोल प्लाजा पर अनियचितकालीन धरने पर बैठे किसान संगठनों के लोग।
मोगा में टोल प्लाजा पर अनियचितकालीन धरने पर बैठे किसान संगठनों के लोग।

इसी तरह मॉल में भुच्चो के बैस्ट प्राइस, बठिंडा और रोखा (अजनाला अमृतसर) में रिलायंस के 3 शापिंग माल, मोगा और छाजली (संगरूर) में अडानी के 2 सेल गोदाम सील किए जाएंगे। धनौला और संघेड़ा (बरनाला), न्याल (पटियाला), संगरूर जिले के धूरी, दिड़बा, भवानीगढ़, मालेरकोटला, अहमदगढ़, लहरा, संगरूर और सुनाम के अलावा रामपुरा और लहराबेगा (बठिंडा), जलालाबाद (फाजिल्का) और वलूर (फिरोजपुर) में रिलायंस 15 पंपों पर किसान प्रदर्शन करेंगे। वहीं धौला और भोतना (बरनाला), कातरों (पटियाला) एस्सार के 3 पंपों और बणांवाली (मानसा) थर्मल पलांट समेत कुल 29 कॉर्पोरेट कारोबारों के आगे दिन-रात पक्के धरने दिए जाएंगे।

अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल ट्रैक पर किसान नामी कंपनियों के पुतले फूंकते हुए।
अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल ट्रैक पर किसान नामी कंपनियों के पुतले फूंकते हुए।

40,000 वाहनों के साथ शिअद भी निकालेगा मार्च
किसान संगठन कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर कृषि बिलों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल तीनों तख्तों से आज किसान मार्च निकाल रहा है। शिअद का दावा है कि इस किसान मार्च में 40,000 वाहन शामिल होंगे। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल अमृतसर से निकलने वाले मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं तो पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो से और प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा श्री केशगढ़ साहिब आनंदपुर साहिब से निकलने वाले किसान मार्च का नेतृत्व करेंगे। मार्च अलग-अलग शहरों से होता हुआ चंडीगढ़ पहुंचेगा। वहां शिरोमणि अकाली के नेता पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे।

बठिंडा के तलवंडी साबो में शिअद के रोष मार्च के चलते हाईवे पर लगी वाहनों की लंबी कतारें।
बठिंडा के तलवंडी साबो में शिअद के रोष मार्च के चलते हाईवे पर लगी वाहनों की लंबी कतारें।

बाहर आने-जाने वालों को हो रही भारी परेशानी
आंदोलन के कारण पंजाब से 14 यात्री ट्रेनें फिलहाल बंद हैं। फिरोजपुर, अमृतसर व जालंधर से चलने वाली यात्री गाड़ियों को अंबाला, दिल्ली आदि स्टेशनों से कई ट्रेनें अंबाला से आंशिक रूप से चलाई जा रही हैं। किसानों ने अनिश्चितकाल के लिए रेल ट्रैकों पर बैठने की घोषणा कर दी है। पंजाब से लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोगों को अंबाला जाना पड़ रहा है। उधर, अन्य राज्यों की लंबी दूरी की यात्रा कर आने वालों को अंबाला उतरना पड़ रहा है। वहां से पंजाब के लिए अंतरराज्‍यीय बसें न चलने से वहां से लोगों को पहले चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है। वहां से वो पंजाब की बसें पकड़ रहे हैं। ऐसे ही यहां के लोगों को चंडीगढ़ जाकर अंबाला पहुंचना पड़ रहा है। व्यावसायिक व अन्य कार्यों से दिल्ली, अंबाला व अन्य स्थानों के लिए जाने वाले विशेषकर मालवा के लोगों को अंबाला व दिल्ली तक टैक्सी से आवागमन करने के लिए हजारों रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।

जालंधर-लुधियाना रेल ट्रैक पर स्थित फिल्लौर जंक्शन पर ट्रैक पर रेल रोको आंदोलन में शामिल भारतीय किसान यूनियन के सदस्य।
जालंधर-लुधियाना रेल ट्रैक पर स्थित फिल्लौर जंक्शन पर ट्रैक पर रेल रोको आंदोलन में शामिल भारतीय किसान यूनियन के सदस्य।

किसान नेताओं और अर्थशास्त्री से जानें क्यों हो रहा है इतना विरोध?
सूबे में किसानों के बड़े संगठन क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रधान डॉक्टर दर्शन पाल कहते हैं कि कृषि कानून-2020 सरासर किसान विरोधी हैं। सरकार फसलों के दाम मंडियों से बाहर करके विदेशी कंपनियों को पैदावार की लूट का खुला मौका दे रही है। डीजल-पेट्रोल की निरंतर बढ़ती कीमतें भी हमारे आंदोलन का एक बड़ा पहलू हैं। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह की मानें तो पंजाब-हरियाणा के पास किसानों की फसलों की खरीद-फरोख्त के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन ढांचा मौजूद है, लेकिन मोदी सरकार ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा देने के लिए ऐसा कृषि कानून लागू किया है कि मंडीकरण व्यवस्था ही खत्म हो जाएगी।

उधर पंजाब के सम्मानित अर्थशास्त्री डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल ने भी केंद्र सरकार के नए कृषि कानून को किसानी के लिए तबाहकुन खतरा बताया है। मंडीकरण ढांचे में किसी किस्म की छेड़छाड़ पंजाब के किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब लोक मोर्चा के संयोजक अमोलक सिंह कहते हैं कि सोची-समझी साजिश के तहत कृषि कानून अस्तित्व में लाए गए हैं।

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