पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर हमले में रसियन रॉकेट लांचर का इस्तेमाल किया गया था। मंगलवार देर रात को पुलिस ने इसे रिकवर कर लिया। जिसे ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से पंजाब पहुंचाने की आशंका है। इस हमले के पीछे पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस रिकॉर्ड और नेटवर्क को तबाह करने की साजिश थी। पंजाब DGP वीके भावरा ने आशंका जाहिर की है कि हमले के लिए ट्राइ नाइट्रो टाल्यून (TNT) का इस्तेमाल हो सकता है यानी पूरी इमारत को उड़ाने की साजिश थी।
इस साजिश का अब पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ रहा है। इस अटैक के पीछे पाकिस्तान में बैठे कुख्यात गैंगस्टर हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा को माना जा रहा है। पंजाब की CM भगवंत मान सरकार ने हाल ही में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स बनाकर गैंगस्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
पिज्जा डिलीवरी से मिला पहला सुराग
पुलिस को इस मामले में पहला सुराग पिज्जा डिलीवरी से मिला है। सोमवार रात को रॉकेट अटैक से पहले इंटेलिजेंस विंग के एक पुलिस कर्मी ने पिज्जा ऑर्डर किया था। अटैक से पहले वह पिज्जा लेने बाहर आया था। तब संदिग्ध स्विफ्ट कार पार्किंग में खड़ी थी। जब वह पिज्जा लेकर अंदर लौटा तो रॉकेट अटैक हो गया। यह देख वह तुरंत बाहर कार को देखने भागा। तब तक कार वहां नहीं थी। यह कार पिज्जा डिलीवरी करने आए ब्वॉय ने भी देखी थी। पुलिस ने इन दोनों से पूछताछ के बाद ही जांच को आगे बढ़ाया।
डेराबस्सी से होते हुए अंबाला गई कार
पुलिस ने स्विफ्ट कार की तलाश में सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें पता चला कि रॉकेट अटैक के बाद यह कार डेराबस्सी गई। वहां से दप्पड़ टोल प्लाजा से गुजरी। वहां सीसीटीवी फुटेज में कार नजर आई। फिर यह कार अंबाला की तरफ चली गई। वहां से कल पुलिस ने एक संदिग्ध को उठाया था। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।
20 से ज्यादा संदिग्ध हिरासत में, 7 हजार कॉल्स खंगाल रही पुलिस
पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर सोमवार रात 7.45 बजे अटैक हुआ। उसके बाद पुलिस अब तक 20 से ज्यादा संदिग्धों को पकड़ चुकी है। इसके अलावा 7 हजार कॉल्स खंगाले जा रहे हैं। अभी तक पुलिस के पास बताने लायक कुछ नहीं है। DGP वीके भावरा ने इतना दावा जरूर किया है कि उन्हें बड़ी लीड मिली हैं। जल्द हमलावरों को गिरफ्तार कर पूरी साजिश का खुलासा कर दिया जाएगा।