चंडीगढ़। पुराने किराया कानून के चलते किरायेदार और मकान मालिकों के विवाद में कानूनी लड़ाई कई बार इतनी लंबी हो जाती है कि किराये पर दी इमारतें तक जर्जर हो जाती हैं और मालिक खाली नहीं करा पाते जबकि किरायेदार भी रिपेयर नहीं करवा पाते। ऐसे में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक मॉडल किराया कानून का फार्मेट दिया है। इसमें भविष्य में सारे किरायानामा रेंट अथारिटी के पास पंजीकृत होंगे। किराया संबंधी सिविल कोर्ट की बजाय खास रेंट कोर्ट व ट्रिब्यूनल में सुनवाई होगी। पंजाब में नया एक्ट लागू करने के लिए लोकल बॉडीज विभाग ने आदेश जारी कर दिया। नए किराया कानून के प्रावधानों पर लोगों से 31 अक्टूबर तक सुझाव व ऐतराज मांगे गए हैं।
कानूनी पेंच में करोड़ों की प्राॅपर्टी, यहां कई केस ऐसे जिनमें किरायेदार-मालिक लड़ रहे लंबी कानूनी लड़ाई
मकान मालिक और किरायेदार के अधिकार और फर्ज
1. किरायेदार को किरायानामे का एक असली सेट किरायेदार को दिया जाएगा।
2. जो किराया जमा हो रहा है, इसकी रसीद किरायेदार को दी जाएगी।
3. किराया रेंट अथाॅरिटी के नियमानुसार जमा होगा।
4. इमारत की रिपेयर आदि को लेकर दोनों में लिखित में एग्रीमेंट होगा।
5. किरायेदार इमारत की देखरेख का जिम्मेदार होगा। किरायेदार की जिम्मेदारी होगी व पास पड़ोस के लोगों के मौलिक अधिकारों में दखल ना दे। इमारत का गैर कानूनी काम के लिए इस्तेमाल न करे।
6. किरायेदार इमारत छोड़ने से पहले सूचना देगा। मकान मालिक इमारत खाली कराने से पहले नोटिस देगा।
प्रॉपर्टी पर कब्जे का डर होगा खत्म
जानकार बताते हैं कि नया माडल रेंट एक्ट से लोग प्राॅपर्टी किराये पर देने में डरेंगे नहीं। मिसाल के तौर पर कोई विदेश में है। वह कब्जे के डर से घर में ताला लगा रखा पर किराए पर नहीं दिया। नया रेंट एक्ट लागू होने से कब्जा का डर नहीं रहेगा। मालिक व किरायेदार दोनों के लिए नियम बने हैं।
नए कानून के प्रावधान
1. किराया विवाद पर सुनवाई रेंट कोर्ट व रेंट ट्रिब्यूनल में होगी। अभी सिविल में होती है।
2. रेंट कोर्ट का फैसला रेंट ट्रिब्यूनल में चैलेंज किया जा सकेगा।
3. रेंट अथाॅरिटी के पास रजिस्टर्ड होंगे किरायानामा। प्रशासनिक बाॅडी होगी।
4. किरायेदार व मकान मालिक में किसी की मौत पर वारिसों के अधिकार तय होंगे।
5. किराया बढ़ाने, सिक्योरिटी डिपाॅजिट, इमारत को नुकसान जैसे नियम होंगे।