24 नवंबर को सुबह लुधियाना के मयूर विहार में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का मामला सामने आया था। मृतकों की पहचान प्रॉपर्टी डीलर के बेटे आशीष सुंदा, उसकी पत्नी गरिमा सुंदा, मां सुनीता सुंदा और 13 साल के बेटे साकेत के रूप में हुई थी, वहीं परिवार का मुखिया राजीव सुंदा लापता था।
पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि चारों की हत्या उसी ने की है और इसके बाद जब वह घर से कार लेकर भाग रहा था तो हड़बड़ी में एक स्कूटी सवार को भी चपेट में लिया। इसके बाद दीवार से टकराकर उसमें आग लग गई थी। हालांकि, इसके बावजूद आरोपी भाग गया था। फिर कुछ ही घंटे बाद जगराओं में ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवा दिया था। गुरुवार को लुधियाना पुलिस ने उसकी पहचान राजीव सुंदा के रूप में की गई।
सुसाइड नोट में मिला था यह खुलासा
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि पुलिस को कोठी के अंदर से एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें परिवार की हत्या करने वाले राजीव सुंदा ने लिखा है कि उसे अपने समधी व उसके बेटे से पैसे लेने हैं। दो साल पहले 4 लाख रुपए लिए थे। इसके बाद अभी कुछ ही दिन पहले 3 लाख और लिए। एक ओर वो पैसे देने में आनाकानी कर रहे हैं, वहीं बच्चे को बाहर पढ़ाने के नाम पर 10 लाख रुपए और मांगे जा रहे थे। पैसे नहीं देने पर बहू गरिमा दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराने की धमकी देती थी। उनके परिवार को बदनाम किया जा रहा है, इसलिए वह अपने पूरे परिवार को खत्म करके खुद भी आत्महत्या कर लेगा।