Punjab :अवैध शराब को लेकर कानूनों में संशोधन करेगी सरकार, सजा में होगी बढ़ोतरी, आरोपियों को जमानत तक नहीं मिल सकेगी

सरकार कानून को सख्त बनाने के लिए पुलिस व लॉ ऑफिसरों की बनाएगी कमेटी मौजूदा कानूनों के तहत आरोपियों को होती है 6 माह से 3 साल की सजा

चंडीगढ़। पंजाब में अवैध शराब बनाने और इसकी तस्करी रोकने के लिए अब राज्य सरकार सख्त कानून बनाएगी। इसके लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मौजूदा कानूनों में संशोधन कर इन्हें और सख्त बनाने के लिए पुलिस और लॉ अफसरों की एक विशेष कमेटी बनाने जा रहे हैं।

यह कमेटी मौजूदा कानूनों पर विस्तार से विमर्श कर उनमें संशोधन करने काे लेकर ठोस फैसला लेगी। अभी मौजूदा कानूनों के तहत पकड़े गए आरोपी जल्द छूट जाते हैं और फिर जेल से बाहर आकर उसी काम में जुट जाते हैं जिससे अवैध शराब बनाने और तस्करी का काम पंजाब में निरंतर जारी है।

अब सरकार कानूनों में इस प्रकार संशोधन करेगी कि आरोपियों काे सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। अब तक अवैध शराब का कारोबार करने वाले और तस्करी करने वालों को अधिक से अधिक 6 महीने से लेकर तीन साल तक की सजा होती है।

इसके बाद बहुत से लोग दोबारा इस काम को करने लगते हैं। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों को अधिक से अधिक सजा का प्रावधान करने पर विचार किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार इसका मुख्य मकसद आरोपियों को सख्त सजा भुगतकर या फिर सजा भुगतने के डर से ही ये काम छोड़ दें और लोगों का जीवन बचाया जा सके।

लचीले कानून के कारण 57 फीसदी आरोपी हुए बरी

बेशक पिछले छह महीने में पंजाब में 10 हजार से अधिक लोग अवैध शराब के मामलों में पकड़े गए, इन सब पर एक्साइज एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए और इनमें से 57 फीसदी लोग केवल मामूली जुर्माना देकर छूट गए, क्योंकि पुलिस उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी। वहीं 43 फीसदी जिन आरोपियों को सजा हुई वह भी केवल 2 या छह महीने की, जबकि तीन साल तक सजा का प्रावधान है।

इस साल जून तक पकड़े गए थे 10, 000 से अधिक आरोपी

जनवरी 2020 से लेकर जून 2020 तक केवल छह महीनों में ही पंजाब के विभिन्न थानों में अवैध शराब का काम करने वालों के विरुद्ध 11 हजार से अधिक एफआईआर दर्ज की गई और 10 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इन सभी मामलो में गिरफ्तार लोगों को पुलिस व आबकारी विभाग ठोस सजा दिलाने में नाकाम रहा, इसलिए यह लोग फिर से शायद किसी न किसी जिले में अवैध शराब का काम कर रहे हैं। इन सभी पर पुलिस व आबकारी विभाग ने एक्साइड एक्ट के तहत केस दर्ज किए, लेकिन दोनों ही विभाग सबूतों के अभाव में उक्त 10 हजार से अधिक लोगों को सजा नहीं दिला पाया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.