लॉरेंस इंटरव्यू मामले में DSP को बर्खास्त करने की मंजूरी:PPSC को भेजी फाइल, पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में दी जानकारी

नई दिल्ली: लॉरेंस बिश्नोई के पंजाब की जेल से इंटरव्यू मामले में पंजाब सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. जेल से इंटरव्यू मामले में मामले में पूर्व डीएसपी गुरशेर सिंह संधू और छह अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन सभी को 3 अप्रैल, 2022 को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ एक इंटरव्यू की व्यवस्था करने का दोषी पाया गया और तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई के पंजाब की जेल से इंटरव्यू मामले में उस समय के सीआईए इंचार्ज शिवकुमार के एक्सटेंशन के ऑर्डर भी वापस ले लिए गए हैं. उस समय मोहाली पुलिस के सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस रैंक की एक अफसर जिसका नाम इस पूरी कहानी में सामने आ रहा था उसके खिलाफ भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। सरकार ने इस मामले में अदालत को बताया कि डीएसपी गुरशेर सिंह को डिसमिस करने संबंधी मंजूरी दे दी है। सरकार ने उनकी फाइल पीपीएससी को भेज दी है। यह कार्रवाई एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की है। वहीं, अभी तक इस मामले की सुनवाई चल रही है।

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किस आधार पर कहा था कि इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ

इस दौरान उच्च अदालत ने यह बात दोबारा पूछी कि आखिर जब लॉरेंस इंटरव्यू का मामला उठा था तो उस समय डीजीपी पंजाब ने यह बात क्यों कही थी कि इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ है। उन्होंने यह बात किस आधार पर कही थी। अदालत ने कहा कि जेलों का विभाग डीजीपी के अधीन नहीं आता है। ऐसे में उन्होंने ऐसा बयान कैसे दे दिया। डीजीपी ने जल्दबाजी में पंजाब की जेलों को क्लीन चिट क्यों दी। अदालत ने कहा कि अगर गलती हुई है ताे उसे मान लेना चाहिए।

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एसआईटी ने नहीं बताई कोई भूमिका

एसएसपी के बारे अदालत ने कहा कि वह उस जिले मुख्य अधिकारी थी। उसे मुअतल किया जाना चाहिए। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि एसआईटी ने उनकी कोई भूमिका नहीं बताई है। उन्हें पहले ही पब्लिक डीलिंग के पद से हटा दिया गया है। अदालत ने लॉरेंस को लंबे समय तक सीआईए खरड़ में रखने संबंधी सवाल किया। अदालत ने कहा कि इस चीज की भी जांच होनी चाहिए।

पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली

लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया गया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया।

दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत

लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है।

लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।

इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की

पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं।

जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है।

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