पंजाब में कृषि विधेयकों का विरोध तेज:खटकड़ कलां में किसानों के धरने में पहुंचे कैप्टन अमरिंदर; बोले-केंद्र सरकार को जब जरूरत हो तो ठीक, नहीं तो फिर अडानी-अंबानी दिखते हैं

शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में सीएम ने जयंती समोराह में पहुंचे थे मुख्यमंत्री शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद किसानों के धरने पर पहुंचे और हर हाल में साथ खड़े रहने का वचन दोहराया

खटकड़ कलां. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों का विरोध आए दिन तेज होता जा रहा है। इसी बीच, सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी संघर्ष का आगाज किया। उन्होंने कहा कि भाजपा पूंंजीपतियों के हित देखती है। सारा खेल जरूरत का है। जब जरूरत हुई तो किसान आता है, नहीं फिर अडानी-अंबानी ही दिखाई देते हैं। सीएम आज स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह उनकी जयंती पर उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में पहुंचे थे। यहां उन्होंने उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि जो हमारे बस में करना होगा, वो करेंगे। हम हर हाल में किसानों के हक में खड़े हैं।

किसानों के साथ धरने पर बैठे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य कांग्रेसी नेता।
किसानों के साथ धरने पर बैठे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य कांग्रेसी नेता।

राष्ट्रपति ने दे दी नए कानूनों को मंजूरी

दरअसल, पिछले काफी दिनों से जारी विभिन्न संगठनों के विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए कृषि विधेयकों काे कानून में बदलने के लिए रविवार को स्वीकृति दे दी है। गजट अधिसूचना भी जारी की गई है। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके करीबियों ने नवांशहर में धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया। यह अमरिंदर सिंह का कृषि बिल को खिलाफ पहला विरोध है।

सोमवार को कैप्टन ने नए कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दे दिए जाने को निंदनीय और दुखदायक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब की खेती बर्बाद हो जाएगी, जो पंजाब की जीवन रेखा है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनकी सरकार प्रांतीय कानूनों में हर संभव संशोधन करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। कोई फैसला लेने से पहले किसान संगठनों और अन्य स्टेक होल्डर को भरोसे में लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार फसल की कीमत के साथ समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध है।

शहीद-ए-अजम सरदार भगत सिंह की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करते कैप्टन अमरिंदर सिंह।
शहीद-ए-अजम सरदार भगत सिंह की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करते कैप्टन अमरिंदर सिंह।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला कदम उठाने से पहले उनकी सरकार कानून और खेती माहिरों समेत उन सभी लोगों से विचार-विमर्श कर रही है, जो केंद्र सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों से प्रभावित हुए हैं। कानूनी रास्ता अख्तियार करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। उधर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव रावत भी राज्य के मामलों की कमान संभालने के बाद पहली बार पंजाब आए हुए हैं।

शहीद भगत सिंह के जयंती समारोह में शामिल होने के बाद धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे कैप्टन अमरिंदर सिंह। यहां उन्होंने न सिर्फ किसानों के हित की बात रखते हुए केंद्र सरकार को चेताया, बल्कि वह खुद भी धरने पर बैठे।
शहीद भगत सिंह के जयंती समारोह में शामिल होने के बाद धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे कैप्टन अमरिंदर सिंह। यहां उन्होंने न सिर्फ किसानों के हित की बात रखते हुए केंद्र सरकार को चेताया, बल्कि वह खुद भी धरने पर बैठे।

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