पंजाब का वैक्सीनेशन कैंपेन :सूबे में 59 जगह टीकाकरण, बठिंडा में पहला इंजेक्शन AIMS डायरेक्टर को लगा; कैप्टन ने दी बधाई, बोले- कम आय वालों को मुफ्त दे केंद्र

सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू बोले- किसी भी सेंटर पर 100 से अधिक लोगों को नहीं लगेगी वैक्सीन

चंडीगढ़। पंजाब में कोवीशील्ड का टीकाकरण शनिवार को शुरू हो गया है। सभी 22 जिलों में 59 सेंटरों पर वैक्सीन लगाने का काम जारी है। पहले चरण में हेल्थ केयर वर्करों, केंद्रीय, राज्य और सशस्त्र बलों की मेडिकल सेवाओं से जुडे लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए सूबे में 1.6 लाख हेल्थ केयर वर्करों ने कोविन पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कराया है। विभाग की तरफ से सभी को SMS भेजे गए हैं। आज बठिंडा में सबसे पहला टीका AIMS के डायरेक्टर प्रोफेसर DK सिंह को लगाया गया।

मोहाली में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया शुभारंभ

मोहाली में वैक्सीनेशन कैंपेन की शुरुआत के मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य वर्गों को संदेश देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मुझे इस अभियान की शुरुआत पर बहुत खुशी हो रही है। पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों से टीकाकरण का शुभारंभ किया है। जल्द ही यह सुविधा आम लोगों तक भी पहुंचेगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कम आय वाले लोगों के लिए यह इंजेक्शन फ्री करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंंत्री यहां से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सूबे की टीम से कनेक्ट हुए।

कहां किसको लगा पहला इंजेक्शन?

  • बठिंडा में सबसे पहला टीका AIMS के डायरेक्टर प्रोफेसर DK सिंह को लगाया गया। फिर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मिनाक्षी ने इंजेक्शन लगवाया।

हर रोज 100 लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि निर्धारित 59 सेंटरों पर रोज सिर्फ 100 हेल्थ केयर वर्करों को कोविडशील्ड का इंजेक्शन दिया जाएगा। अभी वैक्सीनेशन का समय सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक रखा गया है। पहली डोज देने के लिए पहले दिन शामिल किए जाने वाले हेल्थ केयर कर्मचारियों को उसके मोबाइल फोन पर एक SMS भेजा जा रहा है। इसमें उसका रजिस्ट्रेशन नंबर और वैक्सीन लगवाने का समय दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने वैक्सीनेशन की योजना बनाई गई है, जिसके लिए हैल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर, बुजुर्ग (50 साल से अधिक उम्र वाले) और 50 साल से कम उम्र के बीमार लोग हैं। वैक्सीनेशन साइटों पर शनिवार को पहली डोज देने के 28 दिन बाद दूसरी खुराक देने के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार जरूरी योजना बनाई जाएगी।

किस जिले में कितनी डोज पहुंची हैं कोवीशील्ड की?

कोवीशील्ड की लुधियाना में 36510, अमृतसर में 20880, जालंधर में 16490, मोहाली में 13640, बठिंडा में 12430, पटियाला में 11080, गुरदासपुर में 9790, होशियारपुर 9570 डोज पहुंची हैं। इसी तरह तरनतारन में 8210, संगरूर में 7660, रोपड़ में 6360, फिरोजपुर में 6200, पठानकोट में 5860, मुक्तसर में 5420, नवांशहर में 5300, फरीदकोट में 5030, फाजिल्का में 4670, कपूरथला में 4600, फतेहगढ़ साहिब में 4400, बरनाला में 4160, मानसा में 3160 और मोगा में 2600 डोज वैक्सीन पहुंच चुकी है।

पंजाब के मुख्मयंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम का आगाज करने से पूर्व कहा कि वह चाहते थे कि पहली वैक्सीन उन्हें लगाई जाए, लेकिन केंद्र सरकार के निर्देशों के कारण ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा है कि पहले चरण में केवल फ्रंट लाइन पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को ही डोज दी जाएगी, इसलिए वह नहीं लगवा पाए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मोहाली के किसान विकास चैंबर में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कैप्टन ने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से वैक्सीन के बारे में फैलाई रही भ्रांतियों की खबरों को देख रहा हूं। उन्होंने ऐसी अफवाएं फैलाने वालों को चेताते हुए कहा कि कोई भी वैज्ञानिक तब तक कोई चीज आम लोगों के लिए रिलीज नहीं करता जब तक वह खुद संतुष्ट नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि कई बार वैक्सीन लगाने के बाद हलकी सी एलर्जी हो जाती है पर इसका अर्थ यह नहीं है कि वैक्सीन ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। कुछ लोगों को कुछ खास खाद्य वस्तुओं से भी एलर्जी हो जाती है पर इससे घबराने की जरूरत नहीं होती। मुख्यमंत्री ने वैक्सीन मुहिम की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री से अपील की कि गरीब लोगों को यह निशुल्क लगाई जाए।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को कोरोना से चेताते हुए कहा कि इसके प्रति वे लापरवाह न हों। अभी ये बीमारी खत्म नहीं हुई है, बल्कि इसके नए और गंभीर लक्ष ण देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल पंजाब में केस आने की शुरूआत होते ही हमने 22 मार्च से पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया था और ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य था।

उन्होंने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी हिम्मत और मेहनत के चलते ही इसे कंट्रोल किया जा सका है। उन्होंने बताया कि पंजाब में किसी समय 3700 मरीज रोजाना आ रहे थे आज 242 आ रहे हैं। एक समय जहां रोजाना 150 लोग मर रहे थे अब 12 पर रह गए हैं। हम 30 हजार टेस्टिंग रोज कर रहे हैं।

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