किसान आंदोलन का असर, प्लांट्स में कोयला नहीं:सूबे में 2 और थर्मल प्लांट बंद, 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली सेंट्रल पूल से ली जा रही, जरूरत पड़ी तो वैकल्पिक प्रबंध भी नहीं

पावरकाॅम के सीएमडी ए. वेणु प्रसाद का कहना है हमारी बिजली डिमांड में रिकाॅर्ड कमी आई है। पैडी के सीजन में 14000 मेगावाट थी, इस समय केवल 9000 मेगावाट रह गई। ये टेंपरेचर गिरने से और कम होगी। ये ऐसा समय है जब हम खुद के थर्मल प्लांट बंद करके दूसरे राज्यों से बिजली खरीदते हैं क्योंकि इस सीजन की सरप्लस बिजली सस्ते भाव मिलती है। इस समय 2000 मेगावाट बिजली इसी तरह ली जा रही है।

किसान आंदोलन के चलते 28 दिनों से कोयला न आने के कारण मंगलवार को गोइंदवाल साहिब के बाद तलवंडी साबो थर्मल प्लांट भी बंद हो गया। तीसरा प्लांट भी आज बंद हो सकता है। इसके बाद अब किसी तकनीकी बाधा आने के बाद सूबे का अपना वैकल्पिक बिजली का स्त्रोत खत्म हो गया है। अब हम पूरी तरह सेंट्रल पूल पर निर्भर हैं। थर्मल प्लांट बंद होने पर 2000 मेगावाट की कमी सेंट्रल पूल से फिक्स कोटे की बिजली से पूरी कर ली गई है। इसलिए सूबे में ब्लैकआउट संभव नहीं है।

क्योंकि सेंट्रल पूल से सस्ती बिजली मिलने के चलते सर्दी में थर्मल प्लांट वैसे भी बंद किए जाते हैं। हालांकि पंजाब को अगले 15 दिन में तुरंत 1.258 लाख टन कोयले की जरूरत है। मौजूदा बिजली डिमांड 9000 मेगावाट है। 7000 अपने संसाधनों, सांझा हाईड्रो पावर से, 2000 मेगावाट सेंट्रल पूल से खरीदी गई है। पंजाब में बिजली संकट नहीं है क्योंकि कृषि सेक्टर की डिमांड कम है। सरप्लस बिजली एनपीई में पंजाब कभी भी ले सकता है। ये थर्मल प्लांट से सस्ती मिलेगी। डिमांड 2000 मेगावाट और गिरेगी।

9000 मेगावाट बिजली डिमांड, पैडी सीजन में थी 14000 मेगावाट

पंजाब को इन स्थानों से मिलती है बिजली

सूबे में गर्मी के 4 माह में बिजली डिमांड 5000 मेगावाट बढ़ जाती है। बाकी 8 माह में बिजली डिमांड 9000 मेगावाट होती है। ये सारी बिजली पंजाब को भाखड़ा, रणजीत सागर डैम, जोगिंदरनगर डैम, छोटे नहरी प्रोजेक्ट व सेंट्रल पूल के फिक्स कोटा व सरकारी थर्मल प्लांट से मिल जाती है।

आगे क्या?

अगले 10 दिन फसलों की बिजाई का प्रेशर नहीं है। 15 लाख खेती ट्यूबवेल में पैदा होने वाली 2000 मेगावाट बिजली की मांग होल्ड पर है। बिजली खपत केवल इंडस्ट्री सेक्टर व व्यापारिक जगहों पर होगी। अगले 1 हफ्ते तक कम से कम 500 मेगावाट बिजली की डिमांड में कमी आएगी।

पावरकाॅम के सीएमडी ए. वेणु प्रसाद का कहना है हमारी बिजली डिमांड में रिकाॅर्ड कमी आई है। पैडी के सीजन में 14000 मेगावाट थी, इस समय केवल 9000 मेगावाट रह गई। ये टेंपरेचर गिरने से और कम होगी।
ये ऐसा समय है जब हम खुद के थर्मल प्लांट बंद करके दूसरे राज्यों से बिजली खरीदते हैं क्योंकि इस सीजन की सरप्लस बिजली सस्ते भाव मिलती है। इस समय 2000 मेगावाट बिजली इसी तरह ली जा रही है।
अभी पंजाब को पन बिजली और सेंट्रल पूल से जरूरत अनुसार पूरी बिजली मिल रही है लेकिन अगर जहां से हम बिजली ले रहे हैं, अगर वहां तकनीकी बाधा आ जाए तो क्या होगा? किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमें कोयला चाहिए। हमारे थर्मल प्लांटों में एक हफ्ते से भी कम का कोयला स्टाक है।

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