संगरूर. कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूल छात्रों के परिजनों से फीस की मांग नहीं कर सकते हैं। इस बात को सूबे के शिक्षा मंत्री विजय इन्दर सिंगला ने साफ किया है। इसको लेकर वे दो बार आदेश जारी कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि उनके ध्यान में कुुछ मामले आ रहे हैं कि अब स्कूल संचालक परिजनों को ईमेल या वाट्सएप में फीस का मैसेज भेजने की बजाए स्कूल टीचरों से परिजनों को ऑनलाइन फीस जमा करवाए जाने का दबाव बना रहे हैं जोकि गलत है।
उन्होंने कहा है कि स्कूल संचालक ऐसा न करें। क्योंकि अभी परिजन फीस भरने के हालात में नहीं है। वर्तमान समय में सभी का कोरोना से बचना ही लक्ष्य है। उन्होंने साफ किया कि यदि परिजनों की तरफ से कोई भी शिकायत लिखित में उनके पास पहुंच जाती है तो शिक्षा विभाग स्कूल के विरूद्ध सख्त एक्शन को मजबूर होगा। उन्होंने साफ किया है कि फीस के लिए दबाव बनाने पर स्कूल की मान्यता तक रद्द हो सकती है। बताया जा रहा है कि ऐसी शिकायतें उन्हें बार-बार मिल रही थी कि फीस जमा करने के लिए स्कूल प्रबंधन टीचरों से फोन करवा रहा है।
कोई भी परेशानी हो तो हेल्पलाइन पर करें फोन
शिक्षा मंत्री ने परिजनों को भी अपील की है कि स्कूल संचालकों के फोन की शिकायत शिक्षा विभाग या फिर उन्हें करें तुरंत कारवाई होगी। उन्होंने कहा है कि परिजन बच्चों समेत घरों के अंदर रहे। अपनी और बच्चों की सेहत का ख्याल रखें। कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकारी की ओर से जारी सभी सावधानियों को अपनाएं और कर्फ्यू नियमों की पालना की जाए।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सभी सेहत के प्रति गंभीर है। जरूरतमंदों तक हर जरूरी वस्तु को उनके घरों तक ही पहुंचाया जा रहा है। पंजाब के लोग किसी भी तरह की मदद के लिए जारी किए गए जिला स्तर हेल्पलाइन नंबर और पंजाब स्तर के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मदद के लिए लोग कोवा एप की मदद भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जहां सभी प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों को लाकडाउन व कर्फ्यू के चलते चल रही आर्थिक समस्या के मद्देनजर फीस वसूली मुहिम को टालने की बात कही है। वही जिले के कई प्राइवेट स्कूल संचालकों ने स्कूल बंद होने के बावजूद अभिभावकों से फीसे जमा करवाने की हिदायतें देना शुरू कर दी है। इसमें दाखिला फीस के साथ तीन माह की एडवांस फीस भरने के लिए अभिभावकों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। वही कई स्कूलों ने तो अभिभावकों को 10 अप्रैल से पहले आनलाइन फीसे जमा करवाने के लिए कहा है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब स्कूल एक माह से बंद है व कोरोना वायरस के मद्देनजर स्कूल कब खुलेगें इसकी भी पुख्ता जानकारी नहीं है। इसे लेकर अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधकों की मनमानी व संकट के दौर में भी व्यवसायिक सोच के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दी है। इस बाबत बठिंडा के सेंट जेवियर कान्वेंट स्कूल में पढ़ते बच्चों के अभिभावकों ने कड़ा प्रतिक्रम जाहिर करते जिला प्रशासन के पास मामले की शिकायत कर पुख्ता कारर्वाई करने व स्कूल प्रबंधकों पर जबरन फीस वसूली करने पर रोक लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण जहां पिछले 10 दिनों से लाकडाउन है वही आना वाले दिनों में भी इसके समाप्त होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस स्थिति में सीसीएसई बोर्ड की कई विषयों की परीक्षा टल चुकी है जबकि बोर्ड को छोड़कर अन्य कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। इसके बाद स्कूलों में बच्चों से फीस व दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाती है। वर्तमान स्थिति में जहां देश भर में कामगार, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है वही कई ऐसे लोग है जिनके पास नगदी का प्रबंध ही नहीं है। इस स्थिति में सरकार ने राहत की घोषणा की है वही राज्य सरकार ने भी स्कूल प्रबंधकों से फीस वसूली मुहिम को स्थिति सामान्य होने तक रोकने की हिदायत दी थी। इसके बावजूद शहर में सेंट जेवियर कान्वेंट स्कूल ने अपने बच्चों के अभिभावकों को मैसेज देना शुरू कर दिया है जिसमें ई केयर में आन लाइन तीन माह की एडवांस फीस व दाखिला भरने की हिदायत दी गई है। हालांकि इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच करवाने की बात कही है वही स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि उन्होंने मैसेज सिर्फ अभिभावकों की जानकारी के लिए भेजा है जिसमें कहा गया है कि वह अगर फीस भरना चाहते हैं तो इसका भुगतान आनलाइन किया जा सकता है। बच्चों को जबरन फीस भरने की हिदायत देने वाली बात बिल्कुल गलत है।
सीए की परीक्षा नहीं हुई स्थगित, 2 से 18 मई तक ही होगी
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने स्टूडेंट्स के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया कि मई में होने वाली सीए की परीक्षा को स्थगित करने का अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। अभी परीक्षा की तारीख 2 मई 2020 से लेकर 18 मई 2020 तक ही है। इसमें फाउंडेशन (न्यू कोर्स) की परीक्षा 11, 13, 15 और 17 मई और ओल्ड स्कीम के तहत ग्रुप 1 की इंटरमीडिएट की परीक्षा 3 मई से शुरू होगी।