नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा का आरोप किसान संगठनों ने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू पर लगाया है। इस बीच, दीप सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि लाल किला पर झंडा उन्होंने ही लगाया। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाया है कि किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किले ले गया। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहेंगे। ये आंदोलन धार्मिक आंदोलन नहीं है।
इस बीच दीप सिद्धू ने कहा है कि लाल किला पर झंडा तो उन्होंने ही फहराया है, पर अपने ऊपर लगे आरोपों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों के नेताओं ने तय रूट फॉलो नहीं करने की बात पहले ही कही थी, पर भारतीय किसान यूनियन ने इसे नजरंदाज कर दिया।
खालिस्तान समर्थक होने का आरोप, NIA ने नोटिस दिया दीप सिद्धू किसान आंदोलन में लगातार दो महीनों से सक्रिय हैं। कुछ दिन पहले दीप को सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के साथ रिश्तों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नोटिस भी जारी किया था। दीप ने पिछले साल आंदोलन के दौरान किसान यूनियन की लीडरशिप पर सवाल उठाया था। उस दौरान उन्होंने शंभु मोर्चा के नाम से नए किसान संगठन की घोषणा भी की थी। तब उनके मोर्चा को खालिस्तान समर्थक चैनलों से समर्थन भी मिला था।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ फोटो वायरल
पिछले लोकसभा चुनाव में दीप ने गुरदासपुर से भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्टर सनी देओल के लिए चुनाव प्रचार किया था। दीप सिद्धू की भाजपा से नजदीकी की बात कहकर अब सोशल मीडिया पर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व सांसद सनी देओल के साथ तस्वीरें वायरल कर दी गई हैं। कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष रजीन्दर सिंह दीपसिंह वाला ने बताया कि केंद्र सरकार शुरू से ही किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देना चाहती थी। दीप सिद्धू ने उनकी अच्छी सेवा की है।
लाल किले पर झंडा फहराने के बाद आया सिद्धू का वीडियो
दीप सिद्धू ने किसान संगठनों के आरोपों पर वीडियो जारी कर सफाई दी है। सिद्धू ने कहा कि 25 जनवरी को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और सतनाम सिंह पन्नू ने कहा था कि वो संयुक्त किसान मोर्चा के बताए रूट पर परेड नहीं करेंगे। इसी दिन युवाओं ने मोर्चा के मंच पर कब्जा कर लिया था और कहा था कि पुलिस के दिए रूट पर रैली नहीं निकालेंगे। इसके बावजूद मोर्चा ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। और, 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड तय रूट पर नहीं गई।
वकालत की डिग्री के साथ पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का चर्चित चेहरा
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में जन्मे दीप सिद्धू के पास वकालत की डिग्री है। दीप किंगफिशर मॉडल हंट के विजेता रह चुके हैं और मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में मिस्टर पर्सनैलिटी का खिताब जीत चुके हैं। शुरूआत में मॉडलिंग की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। फिर बालाजी टेलीफिल्म्स के लीगल हेड के अलावा ब्रिटिश फर्म हैमंड्स के साथ भी काम किया। इसी दौरान दीप ने एक्टिंग करियर की शुरूआत की और उनका करियर फिल्म रमता जोगी से शुरू हुआ और जोरा 10 नंबरिया से उन्हें पहचान मिली।
दीप सिद्ध् को किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने दिल्ली बॉर्डर पर बोलने का मौका नहीं दिया। दीप सिद्धू सोशल मीडिया के जरिए ही इन किसान नेताओं के फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान वो चर्चा में तब आए जब वो एक पुलिस अधिकारी से अंग्रेजी में बहस कर रहे थे। इस वीडियो को बाद में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और लिखा, ‘गरीब भूमिहीन किसान, जिनके लिए लोग रो रहे हैं।’
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने दिल्ली के लाल किले पर घटनाक्रम को अंजाम देने वाले दीप सिद्धू को सरकार का दलाल बताया। चढूनी ने कहा कि इस घटनाक्रम को धार्मिक रंग न दिया जाए। उन्होंने दिल्ली घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि उनका आंदोलन किसानों का है और किसानों का ही रहेगा।
दिल्ली के घटनाक्रम की भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि लाल किले की घटना को धार्मिक रंग देना निंदनीय है। चढूनी ने कहा उनका आंदोलन केवल किसानों का है। उन्होंने कहाकि दीप सिद्धू ने जो किया है, उसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। चढूनी ने दीप को सरकार का दलाल बताया है। उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू बहुत पहले से ही गड़बड़ कर रहा है। यह आदमी हर बार किसानों के विरुद्ध बोलता है और इसका यही काम है।
चढूनी ने कहा कि किसानों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उन्होंने कहा कि वह किसान आंदोलन की कमेटी से बागी होकर लाल किले पर गया है तथा अन्य लोगों को भी नहीं मालूम था कि लाल किले पर जाएगा। उन्होंने दिल्ली घटनाक्रम के लिए सरकार और दिल्ली पुलिस की भी निंदा की। चढूनी ने कहा कि सरकार का रवैया ठीक नहीं था और माँगा हुआ रूट नहीं दिया। उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने की अपील की है।
सिंघू बॉर्डर से रूट तोड़कर दिल्ली में घुसे और लाल किले पर चढ़कर निशान साहेब फहराने वाले कृत्य की जिम्मेदारी दीप सिद्धू ने ली है। दूसरी ओर खुद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज के घटनाक्रम से खुद को आधिकारिक रूप से अलग करते हुए आज की घटना का जिम्मेदार दीप सिद्धू और लक्खा सिद्धाना को ठहराया है।