जालंधर. पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ से निपटने के लिए राज्य की सरकार ने पिछले 13 दिन से कर्फ्यू लगा रखा है। एकाध जगह को छोड़कर प्रदेशभर के लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं। जो नहीं मानता, उस पर सख्ती बरती जा रही है, बावजूद इसके संक्रमण का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को राज्य में एक तब्लीगी समेत 3 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हुई, वहीं लुधियाना की 69 वर्षीय महिला की मौत के बाद अब तक आंकड़ा 6 हो चुका है। हालांकि अब तक सामने आए कुल 68 मामलों में 4 लोग ठीक भी हो चुके हैं। ऐसे हैं राज्य के हालात…
- प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक 5 अप्रैल तक पंजाब में 2208 में से 1711 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 429 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
- अभी तक जिन 68 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें से लुधियाना में 2 महिलाओं की, अमृतसर में श्री दरबार साहिब के पूर्व रागी की, नवांशहर में पाठी की मौत हो चुकी है, वहीं होशियारपुर और मोहाली में भी एक-एक कोरोना संक्रमित बीते दिनों दम तोड़ चुके हैं।
- राज्य में 4 कोरोना संक्रमित ठीक भी हो चुके हैं। इनमें 2 लोग मोहाली के, जबकि 1-1 नवांशहर और होशियारपुर के शामिल हैं। नवांशहर में मृतक पाठी की उपचाराधीन बेटी की आज ही रिपोर्ट निगेटिव आई है।
- इसके अलावा रविवार को मोहाली, लुधियाना और बरनाला में एक-एक व्यक्ति को संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही 3 नए मामले जुड़े हैं। लुधियाना में कोरोना संक्रमित पाए व्यक्ति का संपर्क दिल्ली की तब्लीगी जमात से है।
कहां कब हुई मौत
सबसे पहले 18 मार्च को नवांशहर जिले के गांव पठलावा के बुजुर्ग पाठी की मौत हुई, जो बीते दिनों जर्मनी से आया था। उसके संपर्क में आने के चलते 29 मार्च को होशियारपुर के एक व्यक्ति की मौत हो गई। वह अमृतसर में भर्ती था। इतना ही नहीं, पाठी के अपने जिले नवांशहर के अलावा होशियारपुर और जालंधर में उसके संपर्क में आने के चलते संक्रमित हुए 24 और लोग उपचाराधीन हैं।
30 मार्च को लुधियाना की 42 साल की महिला की पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में भर्ती कराए जाने और संक्रमण की पुष्टि होने के कुछ ही घंटे बाद मौत हो गई थी तो 31 मार्च को चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर में भर्ती मोहाली के 65 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।
इसके बाद 3 अप्रैल को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व रागी भाई निर्मल सिंह का भी निधन हो गया। हालांकि 20 मार्च को निर्मल सिंह की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन दोबारा तबीयत बिगड़ने के बाद फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। 1 अप्रैल को शाम को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो 2 अप्रैल की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।
ये हैं बड़ी चुनौती
- कोरोना के खौफ के बीच राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए मार्च महीने में पंजाब आए 90 हजार से ज्यादा एनआरआई बड़ी चुनौती हैं। इसी के साथ हाल ही में हुए खुलासे के मुताबिक दिल्ली के निजामुदीन में आयोजित मुस्लिम समुदाय के मरकज (धर्म प्रचारकों का सम्मेलन) में शामिल होने के बाद देशभर में फैले लोग भी दूसरी बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं।
- दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात भी इन दिनों पूरे देश में चर्चा और चिंता का विषय है। राज्य में अब तक 6 तब्लीगियों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, वहीं बड़ी चिंता का कारण है कि पंजाब से कितने लोग मरकज गए, कब लौटे, कहां से कितने लोगों को भेजा गया और अब कहां हैं, इस बारे में कोई भी कुछ नहीं बोल रहा।
- तीसरी बड़ी चुनौती दम तोड़ चुके पठालावा का बुजुर्ग पाठी, रागी निर्मल सिंह और फिलहाल लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती शहर के स्टील कारोबारी की 55 वर्षीय पत्नी है, जो स्पेन से आने के बाद कई धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुई। साथ ही उसके बुटीक पर न जाने कितनी महिलाएं उसके संपर्क में आई होंगी।