चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कड़ी फटकार के बावजूद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की बयानबाजी जारी है। सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने फिर कैप्टन पर निशाना साधा है। इसके बाद सिद्धू ने दोनों सलाहकारों को तलब कर उनके साथ 4 घंटे तक मीटिंग की। इधर, कांग्रेस हाईकमान ने दोनों सलाहकारों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
सिद्धू ने सलाहकारों को पटियाला बुलाया लगातार बयानबाजी से फजीहत के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों मालविंदर माली और डॉ. प्यारे लाल गर्ग को पटियाला बुलाया। यहां सिद्धू के साथ दोनों की 4 घंटे तक मीटिंग हुई। इधर, कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा ने पूरे मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने बयानबाजी की है, वही इस पर स्पष्टीकरण दें।
इंदिरा गांधी पर पोस्ट के बाद कार्रवाई की मांग
श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और कांग्रेस के सीनियार लीडर मनीष तिवारी ने इस विवाद में हाईकमान के दखल की मांग की है। तिवारी ने लिखा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि जो लोग देश विरोधी बयान दे रहे हैं, क्या उन्हें कांग्रेस पार्टी में होना चाहिए।
हाईकमान ने दिए कार्रवाई के संकेत
सांसद मनीष तिवारी के ट्वीट पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने इस मामले की जानकारी मांगी थी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपत्तिजनक फोटो को लेकर हरीश रावत ने कहा कि यह निंदनीय है। वहीं, कश्मीर पर विवादित पोस्ट को लेकर रावत ने कहा कि एक बात मैं पार्टी की तरफ़ से साफ कर देना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। किसी को भी इस पर शंका करने का कोई हक नहीं है, बयान देना तो छोड़ दीजिए। इससे माना जा रहा है कि हाईकमान विवादित टिप्पणी करने वाले सलाहकारों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
सिद्धू के साथ 4 घंटे मैराथन बैठक
नवजोत सिद्धू की सलाहकारों के साथ करीब 4 घंटे चली बैठक खत्म हो गई है। इसके बाद जहां प्यारे लाल गर्ग ने तीखे तेवर दिखाए, वहीं मालविंदर माली कुछ ठंडे पड़े दिखे। गर्ग ने कहा कि वह मेरी सलाह नहीं बल्कि व्यक्तिगत राय थी। मैं सही को सही और गलत को गलत कहता रहूंगा। फिर भी मैं पंजाब के विकास की बात करता रहूंगा।
वहीं, मालविंदर माली ने कहा कि सबको अपनी बात कहने का हक है। मुझे भी बात रखने का हक है और कोई मेरे विचारों की आलोचना या सुझाव देता है तो मैं उसका भी सम्मान करता हूं। माली ने कहा कि अगर सलाहकार के तौर पर मैं नवजोत सिद्धू को सलाह देता हूं तो उन्हें भी पूरा अधिकार है कि वो मुझे कोई सुझाव दें।
सोशल मीडिया में माली की विवादित पोस्ट
माली ने सोमवार को अपनी एक पुरानी पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘पंजाब पूछ रहा है तू यहां-वहां की बात न कर कर, तू ये बता कि काफिला क्यों लुटा। हमें गैरों से शिकायत नहीं, तेरी रहबरी पर सवाल है।’ माली ने 3 लाख करोड़ के कर्ज, रोजगार के लिए युवाओं की विदेशों की तरफ दौड़, किसान और मजदूरों की खुदकुशी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन को लेकर सवाल उठाए हैं।
माली पहले भी लगातार कैप्टन विरोधी बयानबाजी कर रहे थे। हालांकि मुद्दा तब भड़का जब माली ने कहा कि कश्मीर पर भारत ने कब्जा कर रखा है। माली ने कश्मीर को अलग देश बताते हुए उसे आजाद करने को कहा था।
इसके बाद माली ने 1989 की एक पंजाबी मैगजीन जनतक पैगाम का कवर पेज अपनी प्रोफाइल में लगाया, जिसमें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी इंसानी खोपड़ियों के ढेर पर खड़ी हैं और उनके हाथ में पकड़ी बंदूक के आगे भी खोपड़ी लटक रही है। इसे 1984 में पंजाब में हुए दंगों से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्यारे लाल गर्ग ने पाकिस्तान विरोध पर सवाल उठाए
सिद्धू के दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने भी कैप्टन की पाकिस्तान विरोधी टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे। गर्ग ने कहा था कि इससे पंजाब के हित प्रभावित हो रहे हैं। सिद्धू के दोनों ही सलाहकारों की इन टिप्पणियों के बाद सियासी माहौल गर्मा गया था।
कैप्टन ने कहा था- सिर्फ सलाह देने तक सीमित रहो
कैप्टन ने रविवार को दोनों सलाहकारों को फटकार लगाई थी कि वे पंजाब और देश विरोधी बात न करें। सिर्फ सिद्धू को सलाह देने तक सीमित रहें। कैप्टन ने कहा था कि जिस बारे में उन्हें पूरी जानकारी न हो और उसके प्रभावों से अनजान हों, उस बारे में सलाहकारों को नहीं बोलना चाहिए। कैप्टन ने सिद्धू से भी अपने सलाहकारों की बेतुकी बयानबाजी पर अंकुश लगाने को कहा था।