पंजाब में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे:गणतंत्र दिवस के विरोध में मार्च, बोले- हमें संविधान मंजूर नहीं; पुलिस खड़ी देखती रही

खालिस्तान समर्थकों ने कहा कि हमें संविधान मंजूर नहीं है, वे खालिस्तान बनाकर रहेंगे। पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। हमें अभी तक आजादी नहीं मिली है, हमने चंडीगढ़ भी खो दिया। मार्च के चलते पुलिस फोर्स भी तैनात रही, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका। थाना डिवीजन नंबर-6 के SHO भूषण कुमार ने कहा- 'सारे मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। जैसा सीनियर अधिकारी आदेश करेंगे, उसके आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।'

पंजाब के जालंधर में शनिवार को दल खालसा ने गणतंत्र दिवस के विरोध में खालिस्तान की मांग करते हुए मार्च निकाला। दल खालसा से जुड़े लोग खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए बाबा साहिब बीआर अंबेडकर चौक (नकोदर चौक) पर पहुंचे।

खालिस्तान समर्थकों ने कहा कि हमें संविधान मंजूर नहीं है, वे खालिस्तान बनाकर रहेंगे। पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। हमें अभी तक आजादी नहीं मिली है, हमने चंडीगढ़ भी खो दिया। मार्च के चलते पुलिस फोर्स भी तैनात रही, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका।

थाना डिवीजन नंबर-6 के SHO भूषण कुमार ने कहा- ‘सारे मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। जैसा सीनियर अधिकारी आदेश करेंगे, उसके आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।’

खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते दल खालसा के सदस्य।
खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते दल खालसा के सदस्य।

दल खालसा के नेता की 5 बड़ी बातें

1. सिखों का अपमान किया गया दल खालसा के नेता परमजीत सिंह मंड ने कहा- ‘जिस संविधान की केंद्र सरकार बात कर रही है, उसने सिखों को कुछ नहीं दिया। संविधान के तहत ही सिखों अपमान किया गया। पुलिस ने हमारे नेताओं को घरों से नहीं निकलने दिया गया। सिखों के लिए सिर्फ गुरु ग्रंथ साहिब ही सबसे बड़ा ग्रंथ है। दल खालसा ऐलान करता है कि न ये तिरंगा हमारा है और न ही संविधान।

2. हम क्यों उनके त्योहारों पर नाचें जो लोग अपने आपको पंजाबी कहलाते हैं, वह खुद देखें कि उन्हें उनका हक मिला क्या? जिसने हमें कुछ दिया ही नहीं, हम क्यों उनके त्योहारों पर नाचें। जिन लोगों को हिंदुस्तान का रंग चढ़ा है, जो हिंदुस्तान के त्योहार मनाना चाहते है, वो मनाएं। मगर, एक बार जरूर सोचें कि इस संविधान ने हमें 70 साल में कुछ दिया क्या?

3. पंजाब को आजादी नहीं मिली, चंडीगढ़ भी खो दिया जो संविधान को मान रहे हैं, वो सिख एक बार जरूर सोचें कि वे क्या कर रहे हैं। पीएम मोदी के पीछे लगकर ऐसा न करें। संविधान ने हमें कुछ नहीं दिया। पंजाब को आजादी अभी तक नहीं मिली। हमने चंडीगढ़ खो दिया। जो व्यक्ति बोले, उसे सरकार जेल में भेज देती है। जिस दिन हम खालिस्तान बना लेंगे, उस दिन हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपनी संविधान मानेंगे।

4. दूसरे देशों की तरह खालिस्तान जल्द बनेगा खालिस्तान हमारा देश है, ये कोई ख्वाब नहीं, बल्कि सच्चाई है। इसे हम हकीकत में बदलेंगे। बाकी देशों की तरह खालिस्तान भी जल्द बनेगा। जिस संविधान ने हमारी मौजूदगी को नहीं माना, उसे हम नहीं मानते। साथ ही संविधान में लिखा है कि सिखों को हिंदुओं का ही एक रूप माना जाए। इसका मतलब है कि सिखों की संविधान में कोई जगह नहीं है।

5. संविधान हमें हिंदुओं का हिस्सा बताता है हमारे ग्रंथ कहते हैं कि न हम हिंदु और न ही हम मुस्लिम। तो भारत का संविधान हमें हिंदुओं का हिस्सा बताता है। हमें बताओ कि हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब को माने या फिर उस किताब को माने, जिसे संविधान कहा जाता है। उस किताब को हम नहीं मानते, जिसे संविधान कहकर 150 बार बदला गया।’

नकोदर चौक पर संबोधित करते खालिस्तान समर्थक।
नकोदर चौक पर संबोधित करते खालिस्तान समर्थक।

क्या है दल खालसा? दल खालसा पंजाब का एक सिख संगठन है। इसका मुख्य मकसद पंजाबी सिख राष्ट्र यानी खालिस्तान की स्थापना करना है। दल खालसा की शुरुआत 1978 में गजिंदर सिंह ने की थी। गजिंदर सिंह एअर इंडिया की फ्लाइट 423 का अपहरणकर्ता था। दल खालसा ने सिख कत्लेआम के दौरान मारे गए निर्दोष सिखों के परिवारों के लिए मशाल मार्च निकाला था। जिसके बाद संगठन को काफी चर्चा मिली थी। दल खालसा ने ही प्रमुख सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर को समर्पित ‘आजादी मार्च’ निकाला था।

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