अमृतसर में ऐतिहासिक स्थल जलियांवाला बाग का नवीनीकरण विवादों में घिर गया है। इतिहासकारों ने सवाल खड़े किए कि सजावट की वजह से इसके 102 साल पुराने क्रूर इतिहास को नष्ट कर दिया गया। सोशल मीडिया पर सवाल उठने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीपीएम के सीताराम येचुरी ने भी इसकी तीखी आलोचना की है। जलियांवाला बाग को डेढ़ साल बंद रख हाल ही में खोला गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसका वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कहा था कि देश का कर्तव्य है कि इतिहास की रक्षा करें। इस मौके पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी वर्चुअल माध्यम से समारोह से जुड़े हुए थे।
जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को करीब एक हजार निहत्थे लोगों को अंग्रेज शासक ने गोलियां चलाकर मार डाला था। इस वजह से इसे भारतीय इतिहास में काले अध्याय के तौर पर जाना जाता है। यहां के गलियारों में जनरल डायर ने बैसाखी पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गोलियां चलवाई थीं।
अंग्रेजों की क्रूरता के गवाह को बना दिया घूमने की जगह
सबसे ज्यादा सवाल उस कुएं को पारदर्शी बैरियर से ढकने व संकरे गलियारे पर अब मूर्तियां लगवाने को लेकर हो रहे हैं। सबका एतराज इस बात पर है कि जिस स्मारक से लोगों को खौफनाक ब्रिटिश राज का पता चलना चाहिए, उसे सजावट कर अब पार्क जैसा बना दिया गया है।
यह ऐतिहासिक इमारतों का निगमीकरण : इतिहासकार एस. इरफान हबीब
इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने इसे स्मारकों का निगमीकरण करार दिया। उन्होंने कहा कि इसके आधुनिकीकरण से हम इसके इतिहास का वास्तविक मूल्य खो देंगे। हबीब ने इसके गलियारों की फोटो भी ट्वीट की हैं। जिसमें एक तरफ साधारण गलियारा है, जबकि नवीनीकरण के बाद वहां पर मूर्तियां बना दी गई हैं।
अपमान करने वाले शहादत का मतलब नहीं जानते: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लिखा कि जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूं। शहीदों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा। हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं।
आजादी की लड़ाई से दूर रहने वाले कर सकते हैं ऐसा कांड : सीताराम येचुरी
CPM नेता सीताराम येचुरी ने लिखा कि यह शहीदों का अपमान है। यहां की हर एक ईंट अंग्रेजों के खौफनाक राज की गवाह है। जो लोग आजादी की लड़ाई से दूर रहे, वे ही इस तरह का कांड कर सकते हैं।
हकीकत को फसाना न बनाएं : विधायक वेरका
पंजाब कांग्रेस की तरफ से इस मामले में अमृतसर से कांग्रेस विधायक राजकुमार वेरका ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग में अंग्रेजी राज की क्रूरता हकीकत है, कोई फसाना नहीं। इसे हकीकत की दास्तां ही रहने देना चाहिए। लेजर शो व ड्रामा उचित नहीं है। यहां कोई बनावटी चीजें नहीं करनी चाहिए।