जालंधर। जालंधर, दिल्ली व फगवाड़ा के ट्रैवल एजेंटों का इंग्लैंड भेजने के बहाने बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इन ट्रैवल एजेंटों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर युवाओं के इंग्लैंड भेजने के वीजा लगवा दिए। यह मामला ब्रिटिश एंबेसी ने ही पकड़ा। जिसके बाद 66 युवाओं की लिस्ट जालंधर पुलिस को भेजी, जिनके वीजा के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे। इनमें से कई युवा इंग्लैंड यानी UK पहुंच चुके हैं। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने 6 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया है। हालांकि इस कार्रवाई के बाद फर्जी दस्तावेज के सहारे वीजा लेकर इंग्लैंड पहुंचे लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। पुलिस जांच में उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनके वीजा के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए गए हैं।
इन लोगों पर दर्ज हुआ केस
पुलिस ने IPC की धारा 420 व 120B के तहत नई दिल्ली में मैट्रो स्टेशन के पास कोहाड़ एनक्लेव के अमरजीत सिंह उर्फ अमरदीप सिंह सन्नी, जालंधर पुलिस लाइन रोड स्थित वसल मॉल के फर्स्ट फ्लोर स्थित ड्रीम ओवरसीज के ट्रैवल एजेंट राज उर्फ राजिंदर सिंह खिंडा, पहाड़गंज नई दिल्ली के अमित मल्होत्रा, नई दिल्ली के मुहम्मद आसिम, शकूर बस्ती रानी बाग नई दिल्ली के अमरदीप सिंह व विशाल मेगा मार्ट फगवाड़ा के फर्स्ट फ्लोर स्थित ऑफिस के राजविंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है।
ब्रिटिश एंबेसी की लिस्ट वाले लोगों से हुई पूछताछ, कईयों को एंबेसी के बाहर मिले थे आरोपी
जिन लोगों की फाइल ब्रिटिश एंबेसी ने उपलब्ध कराई, जालंधर पुलिस ने उनसे पूछताछ शुरू की। संग ढेसिया जालंधर के अमनदीप सिंह व सिमरनजीत सिंह इंग्लैंड पहुंच चुके हैं। उनकी फाइल अमरजीत व सन्नी ने तैयार की थी। लैहंबर सिंह व उसकी पत्नी कृपाल, नेहा शर्मा निवासी पिपलांवाली होशियारपुर और अदनावाली कपूरथला के अंकुश की फाइल राज ट्रैवल एजेंट के राजिंदर खिंडा ने तैयार की। सुखजिंदरदीप निवासी कपूरथला की फाइल अमित मल्होत्रा ने तैयार की है। गुरप्रीत की फाइल मुहम्मद आसिम ने तैयार की। मनिंदर कुमार की फाइल रानीबाग दिल्ली की शकूर बस्ती के अमरदीप ने तैयार की। खास बात यह है कि इन लोगों का कहना है कि यह ट्रैवल एजेंट उन्हें एंबेसी के बाहर ही मिले थे। हालांकि कुछ युवाओं को ट्रैवल एजेंट जालंधर में भी मिले थे।
ब्रिटिश एंबेसी पर भी उठाए सवाल
जालंधर पुलिस ने जांच में ब्रिटिश एंबेसी पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इनमें से कई लोग इंग्लैंड पहुंच चुके हैं। अगर फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे तो फिर वीजा देने से पहले ढंग से जांच क्यों नहीं की गई। पुलिस ने इसमें एंबेसी के कुछ लोगों की मिलीभगत की भी आशंका जताई है। यह फाइलें ब्रिटिश एंबेसी के चंडीगढ़ व दिल्ली ऑफिस में जमा कराई गई हैं। फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर स्पष्ट किया गया है कि बाद में इसमें और लोगों को भी शामिल किया जा सकता है।
एंबेसी के लायजन अफसर बोले- आर्गेनाइज्ड क्रिमिनल ग्रुप से हो सकते हैं जुड़े
नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हाई कमीशन की इमीग्रेशन इन्फॉर्मेशन ब्रांच के इमीग्रेशन लायजन अफसर एम्मा लांगडेन ने पत्र भेजा कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत के कुछ एजेंटों ने युवाओं को इंग्लैंड भेजा है। उन्होंने कहा कि यह लोग आर्गेनाइज्ड क्रिमिनल ग्रुप से जुड़े हो सकते हैं। जिसकी विस्तृत जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश हाई कमीशन इस मामले में पूरे रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है।