चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह का तख्तापलट कर नए CM बने चरणजीत चन्नी की सरकार चुनावी मोड में दिख रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव में अब करीब 3 से 4 महीने का वक्त बचा है। सोमवार को करीब साढ़े 3 घंटे चली चन्नी कैबिनेट की बैठक में सस्ती रेत, मुफ्त बिजली और फ्री घर का दांव ही खेला गया। बेअदबी व ड्रग्स के जिन मुद्दों पर कैप्टन के खिलाफ बगावत हुई, फिलहाल उन पर कोई फैसला नहीं हुआ। कांग्रेसी भी पहली कैबिनेट में बड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे।
यह इसलिए भी खास था, क्योंकि अभी न मंत्रिमंडल बना और न विभागों का बंटवारा हुआ। फिर भी शपथ ग्रहण के दिन ही चन्नी सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुला ली, जिसमें CM चन्नी के अलावा डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी ने हिस्सा लिया। पंजाब के बड़े मुद्दे हल भी होंगे या नहीं? सियासी माहिर मानते हैं कि चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में विवादित मुद्दों पर अंतिम दिनों में ही बात बढ़ेगी। कार्रवाई कर सके तो ठीक वर्ना चुनावी बहाना मिल जाएगा।
पहली कैबिनेट में यह हुए फैसले
- खेत का मालिक अपनी जमीन से रेत निकाल सकता है। कैप्टन सरकार के वक्त इस पर पाबंदी थी। माइनिंग का ठेका दिया जाता था। दांव अच्छा है, क्योंकि इससे लोगों को रेत सस्ती मिल सकती है। माइनिंग माफिया को खत्म करने की कोशिश है।
- अनुसूचित जाति व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को अभी 200 यूनिट बिजली फ्री मिलती है। उसे बढ़ाकर 300 यूनिट करेंगे। अगली कैबिनेट में यह प्रस्ताव आएगा। सीधे तौर पर केजरीवाल के 200 यूनिट और अकाली दल के 300 यूनिट फ्री के दावे का तोड़ निकाला जा रहा।
- आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए 32 हजार घर बनेंगे। परिवारों को आसान किश्तों पर यह घर दिलाए जाएंगे। सीधे तौर पर वोट बैंक बटोरने की कवायद है।
- ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई मुफ्त होगी। उनके ट्यूबवैल के बकाया बिल माफ होंगे। आगे कोई बिल नहीं आएगा। सीधे तौर पर यह फैसला भी चुनावी दांव है, लेकिन लोगों को फायदा होगा। पंचायतों के पास पर्याप्त फंड नहीं होता तो पावरकॉम कनेक्शन काट देता है।
- शहरी क्षेत्र में सीवरेज-पानी बिलों में राहत दी जाएगी। अभी 125 वर्ग गज तक की रिहायशी प्रॉपर्टी यानी घरों में यह बिल माफ हैं। इसे बढ़ाकर 150 या 200 वर्ग गज किया जा सकता है।