पंजाब में बेटी को कैंसर बता एनजीओ संचालक से पैसे मांगे, फिर प्लाॅट दिखाने के बहाने बुलाया और बेटे को जान से मारने की धमकी दे लाखों रुपए वसूले

50 लाख रुपए की जबरन वसूली, एएसआई समेत 7 गिरफ्तार

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सीआईए सिटी-1 की पुलिस ने पुलिस लाइन में तैनात एएसआई परमजीत लाल सहित सात आरोपियों को 50 लाख की एक्सटॉर्शन मनी (जबरन वसूली) के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पुलिस ने 29.70 लाख की एक्सटॉर्शन मनी बरामद की है। आरोपियों की पहचान किंगपिन परमजीत सिंह, अर्बन एस्टेट फेज-1 के रंजीत सिंह, बेगमपुर के कुलविंदर सिंह, काकी पिंड के विनोद कुमार, काजी मंडी के कुलदीप सिंह, बचित्तर सिंह और एएसआई परमजीत लाल के रूप में हुई है। सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अर्बन एस्टेट फेज-2 के निवासी शीशपाल सिंह एक एनजीओ चलाते हैं। उनके पास कुछ दिन पहले परमजीत सिंह आया था।

उसने उनसे अपने बेटी के कैंसर का इलाज करवाने के लिए कुछ पैसे मांगे थे। शीशपाल सिंह ने इंसानियत के नाते उसकी करीब 45 हजार रुपए की मदद की थी। इसके बाद आरोपी परमजीत ने शीशपाल सिंह से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं। विश्वास बहाल करने के बाद आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर शीशपाल के खिलाफ साजिश रच डाली। सभी आरोपियों ने एक्सटॉर्शन का प्लान बनाया।

29.70 लाख रुपए की एक्सटॉर्शन मनी बरामद… धारा 386, 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज

एक दिन आरोपी परमजीत सिंह ने साथी के साथ मिलकर शीशपाल को फोन किया कि पठानकोट चौक के पास उनका एक प्लाॅट बिक रहा है, जिसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपए है और वे प्लाॅट करोड़ रुपए में दिलवा देंगे। डील के लिए शीशपाल को 26 जुलाई का समय दिया गया। डील साइन करने के लिए शीशपाल अपने बेटे हरलीन के साथ जीआरपी थाने की पिछली तरफ लक्कड़ वाले पुल के पास चले गए।

जब शीशपाल और उनका बेटा वहां पहुंचे तो एएसआई की वर्दी में परमजीत सिंह भी मौजूद था। परमजीत ने शीशपाल को धमकाया कि वे उसके बारे कुछ नहीं जानते। वह पहले ही उम्र कैद की सजा काटकर जेल से आया है। उसने एएसआई के सामने ही पैसों का बैग देने की बात कही और इनकार करने पर बेटे को जान से मारने की धमकी दी। शीशपाल ने कैश वाला बैग दे दिया और बारादरी थाने में लिखित शिकायत दी।
14 दिन की जांच के बाद पुलिस ने दर्ज किया केस

पुलिस ने करीब 14 दिन की जांच के बाद मामला दर्ज किया और जांच सीआईए सिटी-1 की पुलिस को दी गई। सीआईए की पुलिस ने करीब 17 दिन की जांच के बाद आरोपी परमजीत को लुधियाना के माछीवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पूछताछ के बाद पुलिस ने एक-एक कर सभी आरोपियों को जालंधर के अलग-अलग क्षेत्रों से गिरफ्तार किया।

आरोपी परमजीत सिंह ने प्राथमिक पूछताछ में माना कि 2008 में होशियारपुर कोर्ट ने 2005 में टांडा पुलिस द्वारा दर्ज अपहरण और जबरन वसूली मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आठ जनवरी, 2019 को तीन हफ्ते की पैरोल पर जेल से बाहर आया लेकिन वापस नहीं लौटा। वर्तमान में परमजीत सिंह अपना नाम बदल कर मनप्रीत सिंह के रूप में माछीवाड़ा में रह रहा था।

रणजीत पर पहले भी दर्ज है पर्चा

नवीं बारादरी पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपियों से बाकी पैसों के बारे में पूछताछ की जानी है। सीपी भुल्लर ने बताया कि आरोपी रणजीत सिंह (45) पर जालंधर में कई ठगी के मामले दर्ज हैं। वो लोगों को करवाने का काम करता था।

आरोपी कुलविंदर (32) ट्रैवल एजेंट है। विनोद की उम्र करीब 29 साल है और वह प्राइवेट जॉब करता है। आरोपी बचित्तर सिंह उम्र 32 साल है और कैश वैन चलाता है और आरोपी कुलदीप उर्फ सोनू उर्फ की उम्र करीब 39 साल है। उस के खिलाफ पहले भी नशा तस्करी का मामला दर्ज है।

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