चंडीगढ़। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत हो गई है। मंगलवार को राज्य के सीनियर मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर बैठक के बाद कैप्टन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की मांग उठा दी गई है। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के महासचिव प्रगट सिंह के साथ असंतुष्ट विधायकों का पक्ष लेकर 4 मंत्री दिल्ली निकल गए हैं। चारों मंत्रियों के नाम तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुख सरकारिया और चरणजीत सिंह चन्नी हैं।
बैठक के बाद मंत्री चन्नी, रंधावा और बाजवा ने कहा कि पंजाब के कांग्रेसी लीडर और वर्कर इस बात को लेकर चिंतित है कि कांग्रेस के चुनावी वायदे पूरे नहीं हुए। बरगाड़ी कांड, नशे के सौदागरों को पकड़ना, बिजली समझौते के मसले, बस, केबल नेटवर्क, रेत, दलित मुद्दों पर कार्रवाई नहीं हो रही। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारा नवजोत सिद्धू की तरफ है। इस बैठक में 28 विधायक शामिल हुए थे।
माली को चुप न कराकर सिद्धू ने दिए संकेत
कैप्टन के खिलाफ बगावत की तैयारी सोमवार को ही हो गई थी। नवजोत सिद्धू से मिलने के बाद उनके सलाहकार मालविंदर माली ने कैप्टन पर व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए। इससे साफ हो गया है कि नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है। ऐसा न होता, तो माली की बयानबाजी पर सिद्धू जरूर रोक लगाते, जबकि कैप्टन ने साफ शब्दों में सिद्धू से अपने सलाहकारों पर अंकुश लगाने को कहा था। इस पूरे मामले से अब यह माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस पूरी तरह दोफाड़ में बंट चुकी है। पंजाब कांग्रेस में मची कलह का ठीकरा कैप्टन के सिर पर फोड़ने की तैयारी की जा रही है।
कैप्टन ने की सिद्धू समर्थक बाजवा को हटाने की तैयारी
कैप्टन के खिलाफ बगावत की अगुवाई मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा कर रहे हैं। कैप्टन को जल्द ही पंजाब कैबिनेट में बदलाव करना है। माना जा रहा है कि इसमें बाजवा को भी मंत्री पद से हटाने की तैयारी है। बाजवा ने सिद्धू को प्रधान बनाने में पूरी मदद की थी। बाजवा के खिलाफ कैप्टन के सख्त तेवर तब सामने आए थे, जब उन्होंने बाजवा के भांजे PPS अफसर नवजोत माहल को होशियारपुर के SSP से हटाकर रिजर्व बटालियन में लगा दिया।
अकाली नेता पर कार्रवाई की मांग कर रहे सिद्धू
ये भी माना जा रहा है कि हाईकमान के 18 सूत्रीय फॉर्मूले के अलावा सिद्धू की तरफ से दी गई 5 मांगों पर कैप्टन सरकार की कार्रवाई से भी सिद्धू खेमा नाखुश है। सिद्धू अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं, हालांकि कैप्टन सरकार की तरफ से ऐसी कोई कार्रवाई सामने नहीं आ रही।