यही नहीं, 10 वे विधायक भी शामिल हुए, जो बगावत करने वाले धड़े के साथ बैठक में शामिल हुए थे। जाहिर तौर पर अब कैप्टन खेमे ने साफ कर दिया है कि पंजाब में उनकी कुर्सी सिर्फ हाईकमान के सपोर्ट ही नहीं बल्कि बहुमत के लिहाज से भी पूरी तरह सेफ है। वहीं, कांग्रेस हाईकमान के अगले विधानसभा चुनाव में अगुआई के ऐलान के बाद अब नवजोत सिद्धू को अमरिंदर सिंह ने भी संदेश दे दिया है कि भले वो पार्टी प्रधान बन गए हों लेकिन पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन वही हैं। खास बात यह भी है कि राणा सोढ़ी के जिस चंडीगढ़ स्थित घर में यह डिनर रखा गया, मंत्री रहते हुए नवजोत सिद्धू यहां रहा करते थे।
अलग-थलग पड़ा बागी धड़ा
कैप्टन की कुर्सी को चुनौती देने वाला बागी धड़ा अब कांग्रेस के भीतर अलग-थलग पड़ गया है। CM चेहरा बदलने की मांग को लेकर चंडीगढ़ से जोश में देहरादून पहुंचे मंत्रियों को कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बैरंग लौटा दिया। फिर यह भी संदेश दे दिया गया कि नवजोत सिद्धू पार्टी प्रधान जरूर हैं लेकिन कांग्रेस में उनकी मनमानी नहीं चलेगी।
साफ है कि अब जिन मंत्रियों ने बगावत की, अब उनके साथ गिने-चुने विधायक रह गए हैं। माझा के तीनों मंत्री बाजवा, रंधावा व सरकारिया केबिनेट की बैठक में भी नहीं आए लेकिन यह सीधा संकेत उन्हें मिल गया है कि अमरिंदर की कप्तानी में ही काम करना होगा।
विरोधियों की बिल्ली थैले से बाहर आई : फतेहजंग बाजवा
विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि विरोध करने वालों की बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। यह भी साफ हो गया है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ही कांग्रेस को सत्ता में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों ने अपना मुंह कड़वा किया है। बागी धड़े से आए विधायकों ने भी कहा कि वो जरूर उनकी बैठक में गए थे, लेकिन कैप्टन को हटाने की मांग से सहमत नहीं।
वेरका बोले- हाईकमान ने बता दिया कि कैप्टन ही कांग्रेस के लीडर
कैप्टन के करीबी विधायक राजकुमार वेरका ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले चुनावों में कैप्टन ही कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे। इससे पूरी पार्टी, विधायकों और सभी नेताओं को मैसेज जा चुका है। कैप्टन के साथ जुटकर सब हाईकमान का हुक्म मान रहे हैं। वेरका ने कहा कि दूसरे विधायक भी जल्दी ही साथ में आ जाएंगे।