बठिंडा शहर में 95 करोड़ की लागत से बनेंगे दो ओवरब्रिज, वित्तमंत्री और शिक्षा मंत्री ने रखा नींवपत्थर

-शहर के विकास में किसी भी तरह की नहीं आने दी जाएगी फंड की कमी, चल रहे सबी कार्यों को तय समय में पूरा करेंगे-मनप्रीत बादल -1.45 किमी लंबाई वाले पुल में 1 लाख वाहन चालकों को प्रतिदिन आवागमन करने की होगी सुविधा, शहर के 5 एरिया को सीधी कनेक्टिविटी, 24 माह निर्माण समय व 5 रेलवे क्रासिंग होंगी खत्म

बठिंडा. वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने वीरवार को 95 करोड़ की लागत वाले दो ओवरब्रिजों का नीवपत्थर रखा। 1.45 किलोमीटर लंबे पुल से लाइन पार इलाके के पांच इलाकों की शहर से सीधी कनेक्विटी हो सकेगी। यह पुल 24 माह में पूरे होंगे व शहर में पांच रेलवे क्रांसिंग समाप्त होने से लोगों को फाटकों में घंटे घंटे होने के झंझट से निजात मिल सकेगी। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ पब्लिक वर्कस व शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला भी हाजिर रहे।

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि विकास के मामले में अब तक बाकी शहर से पिछड़े रहे अमरपुरा, संजय नगर, बंगी नगर व संगुआना बस्ती एरिया की शहर से कनेक्टिविटी आसान होने जा रही है। साढ़े तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) टीम आज पांच से अधिक एरिया को जोड़ने वाले दो ओवरब्रिजों का निर्माण शुरू करने जा रही है। इन पुलों के निर्माण काम में पहले ही देरी हो चुकी है व अब दिन-रात एक कर काम को पूरा किया जाएगा। वित्तमंत्री बादल ने कहा कि शहर में विकास कार्यों को पूरा करवाने के लिए किसी बी तरह के फंड की कमी नहीं आने दी जाएगी व चल रहे सभी कार्यों को समय पर पूरा करवाया जाएगा।

इस मौके विजयइंदर सिंगला ने कहा कि बेशक केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति प्रदान कर राज्यों को अधिकार दिया है लेकिन पंजाब सरकार छोटे बच्चों के जीवन को खतरे में नहीं डालना चाहती है व कोरोना के पीक समाप्त होने के बाद इस बाबत विचार करेगी कि स्कूलों को कब खोलना है। राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति व उसके लेबल को लेकर पहले अवलोकन किया जाएगा व जरूरत के अनुसार ही विभिन्न संस्थानों को खोलने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
गौरतलब है कि 2017 में इन ओवरब्रिजों की डिजाइनिंग का काम शुरू किया गया था जिसमें पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) के लिए जहां रेलवे की तीन डिवीजनों अंबाला, दिल्ली व बीकानेर डिवीजन से मंजूरी लेना था, वहीं बड़ौदा हाउस से इस फाइल को क्लियर करवाने को अधिकारियों को दिन रात एक करना पड़ा। खुद वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को इस प्रोजेक्ट के लिए लगातार रेलवे से संपर्क में रहना पड़ा। प्रोजेक्ट की बड़ी खासियत पांच रेलवे क्रासिंग हटना है जो उत्तर भारत में पहली बार होने जा रहा है। इससे पांच से अधिक इलाकों के लोगों का जीवन आसान होने के साथ वहां विकास तेज होगा। दोनों पुलों की लंबाई क्रमश 790 व 665 मीटर होगी जिसमें कबीरदास नगर की तरफ 485 मीटर लंबी लैग अलग से जोड़ी जाएगी। तत्कालीन वित्तमंत्री सुरिंद्र सिंगला द्वारा बठिंडा में ओवरब्रिज निर्माण शुरू हुए थे जिसे बाद में अकाली दल व अब पुन कांग्रेस आगे बढ़ा रही है। इस प्रोजेक्ट को 24 माह में पूरा करने का टारगेट रखा गया है। संगरूर के जेके एसोसिएट्स को यह प्रोजेक्ट अवार्ड हुआ है।


इससे संगुआना बस्ती, अमरपुरा बस्ती, कपास मंडी एरिया, संजय नगर, बंगी नगर, लाल सिंह बस्ती व नरूआना रोड, हरबंस नगर, बलराज नगर, शहीद भगत सिंह नगर, ऊधम सिंह नगर तथा आवा बस्ती को सुविधा मिलेगी। ओवरब्रिज बनने से सी-243 बठिंडा-दिल्ली, 141 बठिंडा-राजपुरा, 185/1 बठिंडा-सिरसा, सी-243ए बठिंडा-दिल्ली तथा सी-185 बठिंडा-सिरसा क्रासिंग हटेंगी। प्रतिदिन एक लाख वाहन क्रास होने पर रेलवे भी इसमें आधा खर्च वहन करेगी जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी।
शहर का बहुत बड़ा हिस्सा फाटकों की वजह से विकास से कटा हुआ था। साढ़े तीन साल में बेहद मशक्कत से अंबाला, बीकानेर व दिल्ली डिवीजन में आने वाले इन ओवरब्रिजों की मंजूरी मिली है। इसके बाद डिजाइन बड़ा चैलेंज था जिसमें पानी में भी पिल्लर बनने हैं। हम कामयाब हो गए हैं तथा 1 अक्टूबर को इसकी नींव रखी जाएगी जिसमें विजयइंदर भी शामिल होंगे। देरी से मंजूरी के चलते 24 घंटे निर्माण जारी रख इसे 12 माह के पीरियड में पूरा करने का टारगेट रहेगा। इस मौके पर डीसी बी श्री निवासन, एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयजीत सिंह जौहल, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट चेयरमैन केके अग्रवाल, मार्किट कमेटी चेयरमैन मोहन लाल झुंबा, जिला योजनाकार बोर्ड के चेयरमैन जगरुप सिंह गिल, कांग्रेस शहरी प्रधान अरुण वधावन, प्रदेश सचिव पवन मानी, अशोक कुमार प्रधान, राजन गर्ग हाजिर रहे।

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