बठिंडा। कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन में दाने-दाने को मोहताज हुए सैकड़ों गरीब लोग भूख से बिलखते रहे जबकि लोगों की मदद के लिए दानवीरों की ओर से दिया गया 20 क्विंटल से अधिक आटा नगर निगम ने जरूरतमंदों को नहीं बांटा बल्कि खराब होने पर सरकारी जगह जॉगर्स पार्क में गहरा गड्ढा खोदकर रात को चुपचाप दफन कर दिया। निगम अधिकारियों ने रातों-रात दो ट्रालियों से अधिक आटा जोगर पार्क के कूड़ा डंप के समीप खाली मैदान में लगभग 12 फुट गहरा खोदकर दबाया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर आक्रमक रुक अख्तियार करते विभिन्न अखबारों में लगी खबर की कटिंग लगाकर केंद्र सरकार के पास भेजी है व इस तरह की लापरवाही बठिंडा के साथ पूरे राज्य में होने की बात कर इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है। वही भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी नेे इसे गरीबों के हक को नहीं देने व राजनीति चमकाने के लिए किए गैरजिम्मेवारा काम बताते इसके खिलाफ संघर्ष करने व आगामी निकाय चुनावों में इसे बड़ा मुद्दा बनाने की घोषणा की है। भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सरां, आशुतोष तिवारी व सुनील सिंगला ने कहा कि मामला काफी गंभीर है व इसमें वित्त मंंत्री मनप्रीत सिंह बादल व उनके सिपाह सलाहकारों की तरफ से लाकडाउन में अपनी राजनीति चमकाने के लिए गरीबों के हकों को छीनने का काम किया है जिसे किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता है। वह इस मुद्दे पर संघर्ष करेगें व मामले की जांच करवा दोषी लोगों पर कारर्वाई की मांग करेंगे।
गौरतलब है कि गत सुबह-शाम सैर पर आने वाले लोगों को अंदेशा होने पर इस सनसनीखेज मामला उजागर हुआ। नगर निगम कमिश्नर की लगाई गई इस काम की जिम्मेदारी के बावजूद इस तरह की घटना से जहां लोग बहुत आहत हुए हैं, वहीं सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेता भी इस तरह की हरकत को पार्टी के लिए नागवार मान रहे हैं। इस मामले की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने जेसीबी की मदद से खुदाई करवाई तो महज दो अढ़ाई फीट पर ही आटा निकलने लगा जोकि काफी गहरा गड्ढा करके दबाया गया था। भारी मात्रा में मिट्टी में दबाए गए खुले आटे के सरकार की ओर से भेजे गए राशन का हिस्सा होने का अंदेशा लोगों द्वारा जताया जा रहा है। इस संबंध में डीसी बी श्रीनिवासन का कहना था कि जो सरकारी अनाज आया था वो डीएफएससी के सरकारी गोदाम में पड़ा है।
एक्सईएन बोले… व्यस्तता के चलते नहीं बांट पाए, खराब हो रहा था इस लिए दबा दिया
कमिश्नर के पूछने पर निगम के एक्सईएन गुरप्रीत सिंह ने माना कि उसी ने ही बीती रात आटा जॉगर्स पार्क में दबवाया है। अधिकारी ने दावा किया कि यह सरकारी राशन का आटा नहीं है क्योंकि वह एफसीआई विभाग ने बांटा था तथा निगम ने काम के लिए मुलाजिम दिए थे। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने स्टाफ मेंबरों एवं अन्य दानवीर लोगों के सहयोग से यह राशन एकत्र किया था और कुछ परिवारों में इसे बांटा भी गया। अनलॉक होने पर एकदम से शहर में विकास काम शुरू करने में मशगूल होने की वजह से बाकी आटा बांटा नहीं जा सका तो उसे रोजगार्डन के ओपन एयर थिएटर के कमरे में रखवा दिया था, नमी की वजह से आटे में सुसरी पड़ गई। खराब आटे को नहर में, गोशाला में देना जानलेवा साबित होता।
3-4 माह से मांगी जा रही थी लिस्टें, नहीं बांटा राशन
बठिंडा में जरूरतमंद जनता के लिए पंजाब सरकार की ओर से 1. 20 लाख राशन किटें भेजी गई हैं जिनमें से लगभग 20 हजार किट निगम की ओर से वार्ड स्तर पर बांटने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि 3-4 महीने से वार्डों में कांग्रेस नेताओं से राशन बांटने के लिए लिस्टें तैयार करवाने को कहा जा रहा था, लेकिन अभी तक राशन नहीं बांटा गया।
जो जिम्मेदार, वही विभाग करवाएगा जांच
जरूरतमंदों आटा देने की बजाए बर्बाद कर जमीन में दबाने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी अपने स्तर पर इसकी जांच करवाने का दावा कर रहे हैं। निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने मामले की जांच समानांतर काडर के अधिकारी को थमा एक्शन करवाने का दावा किया है तथा राशन खराब करने के आरोपों में घिरे एक्सईएन गुरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी निगम के ही दूसरे एक्सईएन दविंदर जोड़ा को दे दी गई है। ऐसे में भला एक अधिकारी दूसरे अधिकारी के खिलाफ कितनी स्टीक जांच व निष्पक्ष जांच करेगा।
गरीबों के लिए दान में मिला भरपूर राशन
लॉकडाउन में कामकाज छूटने से भूख से बिलखते लोगों के घर का चूल्हा जलाने के लिए जिले के कारपोरेट घरानों की ओर से सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत कई टन कच्चा राशन जिला प्रशासन को दिया गया था। वहीं मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए बच्चों ने भी अपनी गोलक तोड़कर पैसों का सहयोग दिया। यही नहीं, इलाके की समाजसेवी संस्थाएं लगातार 40 से 45 दिन तक प्रतिदिन 25 हजार से ज्यादा लोगों को दो समय का भोजन व अन्य चीजें देते रहे तथा घर-घर जाकर राशन की किटें बांटी।
कैसे होगी दबाए गए अनाज की पहचान?
मिट्टी में दबाए गए इस आटे की पहचान मुश्किल है क्योंकि आटा निकालकर प्लास्टिक गट्टों का नामोनिशान मिटा दिया गया है और रात के अंधेरे में चोरी-छिपे इसे गड्ढे में दबाया गया। उधर अकाली दल के हल्का इंचार्ज सरूप चंद सिंगला ने कहा कि लोगों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर दान किया लेकिन निगम ने उक्त दान किया गया अनाज लोगों को देेने की बजाए बर्बाद कर दिया। इसके लिए निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। जिसकी जांच होगी चाहिए।