खेती आर्डिनेंस के विरोध में 25 सितंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया गया है जबकि इससे एक दिन पहले 24 सितंबर, वीरवार का दिन प्रदर्शन ही हावी रहे। कहीं राजनीतिज्ञों और किसान संगठनों की ओर से हाइवे पर चक्का जाम किए जिससे शहर चारों ओर से अलग-अलग समय से शहर सीज होने की वजह से 8 घंटे लोगों को परेशान होना पड़ा। शहर वासी घंटों जाम में फंसे रहे।
वहीं मिनी सचिवालय के सामने किसानों, यूटी मुलाजिम व पेंशनर तथा मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों का प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन किया गया। हाइवे जाम करने से बाहरी शहरों से आने अथवा बठिंडा से बाहर जाने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी, मुख्य सड़कों पर कई किलोमीटर लंबे जाम में छोटे-बड़े वाहन फंस गए। सुबह से बाद दोपहर तक कांग्रेस, अकाली व आम आदमी पार्टी के नेताओं के वाहनों के काफिलों का आना-जाना लगा रहा।
शहर में किसानों ने बठिंडा-मानसा ओवरब्रिज अौर कांग्रेस पार्टी की ओर से किए गए जाम के दौरान पूरा दिन शहर में ट्रैफिक बाधित रहा। ट्रैफिक पुलिस को भी ट्रैफिक को कंट्रोल करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। खेती आर्डिनेंस के विरोध में 25 सितंबर के पंजाब बंद का बठिंडा में असरदार प्रभाव रहने का अंदेशा है।
किसान यूनियन की ओर से शहर के सभी हाइवे व मुख्य सड़कों पर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक धरना लगाकर चक्का जाम किए जाने से सड़कों पर यातायात पूरी से ठप रहेगा। वहीं ट्रक-बस ऑपरेटरों ने भी किसानों का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्ट सुविधा बंद रखने का ऐलान किया है। वहीं व्यापार मंडल, दुकानदारों, सर्राफा, आढ़तियों, पेस्टिसाइड्स डीलरों, दोधी-डेयरी यूनियन तक ने किसानों के संघर्ष के समर्थन में कारोबार को पूरी तरह से बंद रखने की हामी भरी है। पंजाब बंद की वजह से आवागमन ठप रहने से शहर में सब्जी-फल से लेकर दूध तक की सप्लाई प्रभावित होगी।
कांग्रेसियों ने बठिंडा व तलवंडी साबो में अकालियों की गाड़ियां घेरी
कांग्रेस ने भाई घनैया चौक पर अकाली वर्करों की गाड़ियां घेरी जैजीत सिंह जोहल के नेतृत्व में सुबह 8.45 से 10.30 बजे तक खेती आर्डिनेंस व इस बिल का समर्थन करने पर अकाली दल के खिलाफ नारेबाजी करके केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर लौटी हरसिमरत कौर बादल का विरोध जताया। काले झंडियों के साथ खड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आड़े-तिरछे वाहन खड़े करके मुख्य सड़क का ट्रैफिक बाधित किया।
वहीं तलवंडी साबो की तरफ जाने वाले अकाली पार्टी की झंडी लगे वाहनों को रोककर उन्हें काली झंडियां दिखाई गई। कांग्रेस वर्करों ने अकाली वर्करों के वाहनों का घेराव करके अकाली झंडियां तक उतारीं। कांग्रेस के ऐसे प्रदर्शन से माहौल बेहद तनावपूर्ण बन गए। लगातार दो-अढ़ाई घंटे तक चले प्रदर्शन से वाहनों की लंबी लाइनें लग गई।
आप व यूथ कांग्रेस ने भी किया विरोध
शिअद नेता सुखबीर बादल व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का वीरवार को तख्त श्री दमदमा साहिब आने पर आप पार्टी के अलावा यूथ कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर तलवंडी साबो की आप विधायक प्रो. बलजिंदर कौर व रूपिंदर कौर रुबी ने शिअद के खिलाफ कृषि आर्डिनेंस बिल को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर नवदीप जीदा, नील गर्ग, डा. विजय आदि शामिल हुए।
इधर मुआवजे को लेकर किसानों ने दिया धरना
भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां की ओर से वीरवार को दोपहर 2 से शाम 5.30 बजे तक आईटीआई पुल पर मानसा हाइवे पर चक्का जाम किया। किसानों ने बादल मोर्चा से लौटते वक्त सड़क हादसे में मारे गए किशनगढ़ के किसान को मुआवजा देने व घायलों का सरकारी खर्च पर मुफ्त इलाज करवाने की मांग कर रहे थे।
हालांकि दोपहर 12 से 1.30 बजे तक सैकड़ों किसान सिविल अस्पताल में धरने पर बैठे, इस दौरान जिला प्रधान शिंगारा सिंह व मानसा जिले के वरिष्ठ उपप्रधान जोगिंदर सिंह के साथ आईजी बठिंडा रेंज जसकरण सिंह, एसएसपी व डीएसपी के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया जा सकता।
हालांकि किसानों ने 2018 में मानसा जिले के किसान की चंडीगढ़ रैली से वापसी दौरान सड़क हादसे में मौत पर मुआवजे के तौर पर 10 लाख व जख्मियों को एक-एक लाख रुपए का हवाला भी दिया लेकिन उनकी कोई सुनवाई न होने पर किसानों ने मानसा हाइवे पर धरना लगाकर चक्का जाम किया। जाम की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।