बठिंडा। ग्रीन सिटी निवासी व ट्रेडिंग व्यापारी दविंदर गर्ग की तरफ से अपनी पत्नी व बच्चो की गोली मारकर खुद भी आत्महत्या करने के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने एक यूथ कांग्रेसी नेता समेत चार आरोपित जिसमें बठिंडा निवासी मनजिंदर सिंह धालीवाल, प्रवीन बांसल, मनी बासंल व रामा मंडी निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मृतक दविंदर के बिजनेस पार्टनर व आरोपित बठिंडा राजू कोहनूर उर्फ जादूगर, उसका भाई बब्बू कालड़ा, पत्नी अमन काहूनर, कांग्रेसी नेता संजय जिंदल उर्फ बाबी के अलावा सेंट्रल दिल्ली निवासी अभिषेक जोहरी की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है। यह सभी आरोपित अभी फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विभिन्न टीमें उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस का दावा है कि बाकी आरोपित भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
गौर होकि थाना कैंट पुलिस ने मृतक दविंदर गर्ग के सुसाइड नोट के आधार पर इन नाै आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया था, जबकि मृतक दविंदर पर अपनी पत्नी व बच्चों की गोली मारकर हत्या करने का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने घटना के बाद ही सुसाइड नोट में लिखे गए नामाें के आधार पर पुलिस ने आरोपित लोगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। वहीं कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर चार आराेपितों को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी। उधर, शुक्रवार दोपहर बाद चारों शवाें का पोस्टमार्टम करवाने के बाद स्थानीय दाना मंडी वाले रामबाग में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान मृतक के बड़े भाई अश्वनी गर्ग ने चारों को मुख्यअग्नि दी। वहीं राजनीति पार्टियों के नेताओं के अलावा शहर के व्यापारी वर्ग ने रामबाग पहुंचकर परिवार के साथ शोक व्यक्त किया, वहीं पूरे परिवार को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
बिजनेस पार्टनर की तरफ से धोखा दिए जाने से अहाता था मृतक दविंदर
कैंट पुलिस को बयान देकर मृतक के बड़े भाई व पंचवटी नगर निवासी अश्वनी गर्ग ने बताया कि करीब ढाई साल पहले उसके भाई दविंदर गर्ग ने आरोपित राजू कोहनूर उर्फ जादूगर के साथ मिलकर करिपटो करंसी बिट क्वाइंन में पार्टनर के तौर पर काम शुरू किया था। इस बिजनेस में और भी लोग हिस्सेदार थे, लेकिन उसका भाई पूर्व छह माह से मानसिक तौर पर काफी परेशान था, चूकिं लाकडाउन के कारण बिट क्वाइंन कंपनी के रेट कम हाे गए थे। आरोपित राजू,उसके भाई बब्बू व पत्नी अमन ने कंपनी में लगाया अपने हिस्से का पैसा निकालकर अपने पास रख लिया, जबकि जो पैसा लोगों का देना था वह दविंदर गर्ग पर डाल दिया। यह राशि कराेड़ों में थी, जिसके चलते कुछ पैसा तो दविंदर ने किसी तरह दे दिया, लेकिन कई लोग उसे पैसे वापस करने के लगातार दबाव बना रहे थे। वहीं उसे लगातार धमकियां भी दे रहे थे, जिसके कारण उसका भाई मानसिक तौर पर परेशान था।
इसी दौरान मनजिंदर सिंह धालीवाल उर्फ हैप्पी, प्रवीण बांसल, संजय जिंदल उर्फ बाबी, मनी बांसल बठिंडा, अशोक कुमार, अभिषेक जौहरी भी उसके भाई को पैसा जल्दी देने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। वही ऐसा नहीं करने पर उसे राजनीतिक डालकर बर्बाद करने व पुलिस के पास केस दर्ज करवाने की धमकियां देना शुरू कर दी। उक्त लोग राजू से मिलकर उसे सत्तापक्ष में पहचान होने व उसके खिलाफ कानूनी करने की लगातार धमकियां दे रहे थे, जबकि उनके पैसे आरोपित राजू, उसका भाई बब्बू कालड़ा व महिला आरोपित अमन अपने हिस्से में ले चुके थे। बिजनेस पार्टनर की तरफ से दिए गए धोखे से आहात व लेनदारों की तरफ से बार-बार पैसे मांगने से परेशान दविंदर गर्ग ने बीती वीरवार की दोपहर अपने ग्रीन सिटी स्थित किराये की कोठी में पहले पत्नी मीना गर्ग, बेटा अरूष गर्ग, बेटी मुस्कान गर्ग को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया व बाद में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले आठ पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसके आधार पर पुलिस ने एक महिला समेत 9 लोगों पर थाना कैंट में मामला दर्ज किया था।