मुक्तसर जिले के गांव औलख में एक नाैजवान पर कार सवाराें ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर कत्ल कर दिया। इसकी जिम्मेदारी बीते दिनों चंडीगढ़ में मारे गए लारेंस बिश्नाेई ग्रुप के करीबी गुरलाल बराड़ के सोशल मीडिया पर बिश्नाेई ग्रुप ने ली है। मृतक रणजीत सिंह उर्फ राणा पर भी शराब तस्करी, नशीले पदार्थाें व लड़ाई झगड़ों के कई मामले दर्ज हैं और शराब स्मगलिंग व लड़ाई झगड़ों के चलते ही राणा को गैगस्टरों द्वारा मार दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस प्रत्येक पहलु से इस कत्ल की जांच कर रही है।
मलोट मुक्तसर रोड पर स्थित गांव औलख में तीन से चार बजे के करीब सफेद रंग की स्विफ्ट पर सवार चार लाेग आए और स्वीफ्ट डिजायर में सवार रणजीत सिंह वासी गांव थांदेवाला हाल आबाद मुक्तसर पर ताबतोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी और वहां से फरार हाे गए। हमलावरों ने रणजीत सिंह को 15 गोलियां मारी। वारदात की सूचना मिलते ही डीएसपी राजपाल सिंह, डीएसपी मलोट भूपिंदर सिंह रंधावा, सीआईए स्टाफ इंस्पेक्टर सुखजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। उधर अस्पताल के डॉक्टर गौरव असीजा ने बताया कि मृतक की पत्नी चार माह की गर्भवती थी। पहले वह दो बार गायनी के पास चेकअप करवाने आए थे।
आज तीसरी बार वह चेकअप करवाने आई थी, परंतु अस्पताल आने से पहले ही कार सवार व्यक्तियों ने गोलियां चलाकर मार दिया। वारदात की सारी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। पुलिस फुटेज के आधार पर मामले की जांच कर रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पत्नी को रणजीत ने दो बार पहले भी गायनी डॉक्टर के पास दवा के लिए लाया था इसी के चलते गैंगस्टरों ने रेकी कर वारदात को अंजाम दिया है।
सीसीटीवी में कैद
पीले रंग का पगड़ीधारी कर रहा था रेकी, कार आते ही दौड़कर चलाने लगा गोलियां
रणजीत सिंह राणा अपनी पत्नी के साथ स्वीफ्ट कार डिजायर कार नं. पीबी 13 बीबी 5589 पर सवार होकर गांव औलख में गायनी डॉक्टर से दवाई लेने आया था। उनके आने से पहले एक पीले रंग पगड़ी धारी व्यक्ति अस्पताल से कुछ ही दूरी पर आकर बैठता है और कुछ समय बाद एक सफेद रंग की स्वीफ्ट कार अस्पताल से कुछ ही दूरी पर आकर रूकती है कुछ मिनट इंतजार करने के बाद रणजीत सिंह राणा वाली डिजायर कार काफी दूरी पर आकर रूकी और रुकने से पहले ही इंतजार में बैठा पगड़ीधारी कार की ओर दौड़ा और इसी दाैरान स्वीफ्ट कार से दो लाेग ओर निकलकर राणा की कार की ओर दौड़ पड़े और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे।
मौके पर ही रणजीत की हो गई थी मौत
माैके पर ही राणा की माैत हाे गई जबकि कार में बैठी पत्नी काे किसी तरह का काेई नुकसान नहीं हुआ। सारी घटना वारदात के कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज की बुनियाद पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पत्नी चार माह की गर्भवती थी, इससे पहले भी वह दो बार गायनी डॉक्टर के यहां चेकअप कराने आ चुकी थी।
रणजीत के पास भी थी पिस्टल
गैंगस्टर बोले…ऐह तां शुरुआत ऐ, जिन्ना टाइम हैगा, तुहानूं जीण नईं देना असीं
राणा के कत्ल की जिम्मेदारी लारेंस बिश्नाई ग्रुप के सदस्यों ने कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में गैंगवार में मारे गए उनके साथी गुरलाल बराड़ के फेसबुक अकाउंट पर लेते हुए लिखा है कि सति श्री अकाल सारे वीरां नूं, अज्ज पहली श्रद्धांजलि साडे भरा गुरलाल बराड़ नूं साडी, अज्ज जो मलोट दे पिंड औलख ’च राणे दा मर्डर होया, ओह असीं कीता, क्योंकि ऐस बंदे दा वी साडे वीर दे मर्डर ’च पूरा हिस्सा सी, तुसीं साडा भरा जिवें नजायज मरवाया ओदी कोई दुश्मनी नहीं सी किसे नाल। सब तों राजेया वरगी जिंदगी जिओंदा नहीं जरेया गया, तुहानूं ऐ लगदा झूठेओ- कि तुसी ओहनूं मार के ओदे वाली जगा ले लओगे, ऐने-ऐने साल होगे तुहानू जेलां ’चों भज्जे फेरदियां नूं, पुच्छदी तुहानूं कुत्ती नईं, तुसीं सालेयो झूठे हो ते झूठे ही रहोगे। बाकी साडा बदला अजे पूरा नहीं होया, ऐह तां शुरुआत ऐ, जिन्ना टाइम हैगा तुहानूं जीण नईं देना असीं, वाहेगुरू जी का खालसा, वाहेगुरू जी की फतेह, जय बजरंगी बली।
मां मनजीत कौर बोली…
गैंगस्टर दविंदर बबीहां की मौत के बाद राणा को डर था कि उसका कत्ल हो जाएगा
राणा की मां मनजीत कौर का कहना है कि पुलिस ने वह झूठा केस डाला था, जिसमें वह बरी हो गया। राणा कबड्डी का खिलाड़ी था। मां ने बताया कि चार साल पहले दबड़ी खाने के पास गैंस्टर दविंदर बबीहां के भूलेखे से मारा गया था। उन्हाेंने कहा कि राणा को डर था कि उसका कत्ल हो जाएगा इसलिए उसने हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी, परंतु अभी तक उसे सुरक्षा नहीं मिली थी।
रणजीत सिंह पर थाना सदर मुक्तसर, मलोट व अन्य थानों में 11 मामले दर्ज हैं, जिसमें शराब बेचने, लड़ाई करने के अलावा नशीली गोलियों संबंधी एक मामला भी दर्ज हुआ था, जिसमें वह करीब पौने दो साल जेल में रहकर आया था। रणजीत सिंह एक बेटी का पिता था। पत्नी को गर्भवती होने के चलते वह बहुत खुश था। मुक्तसर में इससे पहले भी लॉरेंस ग्रुप के गैंगस्टरों ने मनदीप मन्ना को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इसकी जिम्मेदारी भी ग्रुप ने सोशल मीडिया पर ली थी।