प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक अमेरिका के हाईवे 101 पर पन्नू का एक्सीडेंट हुआ। हालांकि, यह जानकारी सूत्रों से मिली है, जिसकी किसी तरफ से औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है। वहीं सोशल मीडिया पर ये भी दावा किया जा रहा है कि पन्नू की मौत की खबर अफवाह है। वह जल्द सामने आएगा।
पन्नू पिछले कुछ समय से अंडरग्राउंड था। लोकेशन ट्रेस न हो, इसके लिए उसने मोबाइल भी स्विच ऑफ कर रखा था। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और UK में अवतार सिंह खांडा की मौत के बाद पन्नू को डर था कि उसकी भी हत्या हो सकती है।
अमेरिका में बैठकर देता था धमकी
पन्नू मूल रूप से अमृतसर के खानकोट गांव का रहने वाला था। जिसके बाद वह विदेश चला गया। वहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर खालिस्तानी मंसूबों को पूरा करने में जुट गया। वह अमेरिका के अलावा इंग्लैंड और कनाडा में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगंडा चलाता रहा। खालिस्तान की मांग के नाम पर वीडियो जारी कर वह पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में जुटा हुआ हुआ था। भारत की एजेंसियों को बदनाम कर उन पर दबाव बनाने की कोशिश करता था।
हाल ही में उसने खालिस्तान समर्थकों की हत्या के बाद इसके लिए कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो भी जारी किया था। यह उसका धमकी भरा आखिरी वीडियो था।
कुख्यात आतंकियों के संपर्क में था पन्नू
पन्नू UK बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह पम्मा, कनाडा में रहने वाले KTF चीफ हरदीप सिंह निज्जर और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के मलकीत सिंह फौजी के संपर्क में था।
वह पंजाब के गैंगस्टरों और युवाओं को अलग खालिस्तान देश के लिए लड़ने के लिए उकसा रहा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे आतंकवादी घोषित किया था।
रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन
गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था।
सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था। पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था।
पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था।
सोशल मीडिया पर पन्नू की मौत की खबरें
2 महीने में 3 खालिस्तानी आतंकी मारे गए
- अवतार खांडा: 14 जून को भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक नेता अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन में मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था। हालांकि उसको जहर देने की भी चर्चा हुई।
- परमजीत पंजवड़: 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स(KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में हत्या कर दी गई। लाहौर के जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।
- हरदीप निज्जर: खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के चीफ निज्जर को 18 जून को कनाडा के गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार दी गई थी। निज्जर को कार से उतरने का समय भी नहीं दिया गया। निज्जर इस गुरुद्वारे का प्रधान था।
खालिस्तान मूवमेंट का पोस्टर बॉय अमृतपाल पहले ही जेल में
खालिस्तानी आंदोलन को कुचलने के लिए पंजाब में सक्रिय रहे अमृतपाल सिंह को पुलिस ने NSA में पकड़ लिया। उसे अब असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया है।
अमृतपाल लगातार खालिस्तान का समर्थन कर रहा था। वह युवाओं को इकट्ठा कर अलग खालिस्तान के लिए प्राइवेट आर्मी भी तैयार कर रहा था। हालांकि, अजनाला में समर्थकों समेत पुलिस थाने पर हमले के बाद वह पंजाब पुलिस के रडार पर आ गया।