इंदौर में सबसे सख्त लॉकडाउन की वजह / पहला केस मिलने के 5 दिन में ही इंदौर देश का 8वां सबसे संक्रमित शहर बना, 14 राज्यों में मरीजों की संख्या यहां से कम
इंदौर में पहला संक्रमित मिलने के बाद रविवार से अब तक मरीजों की संख्या 540% की दर से बढ़ी बीमारी का स्रोत न मिलने के बावजूद मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी से कोरोना के स्टेज-3 संक्रमण का खतरा
इंदौर . कोरोना संक्रमण से देश में 27 राज्य प्रभावित हैं। इसमें मध्य प्रदेश दसवें नंबर पर है। लेकिन, शहरों की बात करें तो 24 मार्च तक कोरोना मुक्त रहा इंदौर बीते पांच दिनों में देश के सबसे संक्रमित शहरों की सूची में आठवें नंबर पर आ गया है। केरल में देश का पहला मरीज 30 जनवरी को सामने आया था। महाराष्ट्र और दूसरी जगहों पर मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में मरीजों का आना शुरू हुआ। इंदौर में मरीज बढ़ने की रफ्तार जो रविवार तक 380% थी, वह अब 540% हो गई है।
इंदौर में संक्रमितों की संख्या बढ़ने की वजह लॉकडाउन का पालन न करने को माना जा रहा है। जनता कर्फ्यू वाले दिन ही शाम के समय शहर के सैकड़ों नागरिकों की भीड़ ऐतिहासिक राजबाड़ा पर जमा हो गई थी। केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली से लेकर अन्य सभी प्रमुख संक्रमित जगहों पर मरीजों की जांच में सामने आया कि वे विदेश से आने पर या विदेशी व्यक्ति से संपर्क में आने से संक्रमित हुए। इन जगहों पर संक्रमण के प्राथमिक स्रोत की जानकारी मिल गई। लेकिन, इंदौर में अभी तक किसी भी संक्रमित के विदेश जाने या उनके संपर्क में आने की हिस्ट्री सामने नहीं आई है। यह बीमारी के कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी कोरोना के स्टेज-3 संक्रमण को दिखाता है।
हालात बिगड़ने पर प्रशासन जागा
इंदौर प्रशासन ने सोमवार से पॉजीटिव मिले मरीजों से मिलने वाले सभी लोगों, उनके पड़ोसियों की जांच कर रहा है। इन लोगों को क्वारैंटाइन हाउस में रखा जा रहा है। रानीपुरा, नयापुरा, चंदन नगर, खजराना क्षेत्रों से मिले लोगों को यहां रखा जा रहा है। वहीं, अब सख्ती इस तरह की जा रही है कि शहर में दूध के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा। सभी मरीजों को चिह्नित करने के बाद ही जरूरी सामान लेने के लिए बाहर निकलने की मंजूरी दी जाएगी।
भीलवाड़ा ने ऐसे किया कंट्रोल
राजस्थान के भीलवाड़ा में एक दिन में छह मरीज सामने आने के बाद (अभी तक 21 मरीज) तेजी से काम शुरू हुआ। वहां प्रशासन ने पूरे जिले के लिए छह हजार मेडिकल टीम बनाकर सभी 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग और जांच शुरू करा दी। नौ दिन में 18 हजार मरीज चिह्नित किए गए। संदिग्धों को क्वारैंटाइन हाउस में रखा गया। उनके मोबाइल में एक एप डाउनलोड कराया गया। यदि कोई क्वारैंटाइन हाउस से बाहर निकलता, तो प्रशासन के पास अलर्ट पहुंच जाता।
किस शहर ने कितनी सख्ती की
मुंबई- जरूरी सामान की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले हैं। होम डिलेवरी पर ज्यादा ध्यान है। सभी सोसायटियों ने अपने मुख्य द्वार बंद कर लिए हैं और किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। प्रशासन मरीजों को चिह्नित कर उपचार करवा रहा है।
पुणे- जरूरी दुकानें खुली हैं। रविवार तक थोड़ी ढील थी, लेकिन सोमवार से किसी के भी बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई। जहां मरीज सामने आ रहे हैं, वहां सेना लगाने की बात हो रही है। क्वारैंटाइन हाउस नहीं बने हैं, लोगों को घरों पर ही रखा जा रहा है।
दिल्ली- यहां भी जरूरी दुकानें खुली हैं। सरकार जरूरी सामान की होम डिलेवरी कराने और लोगों को घर में रखने की कोशिश में जुटी है। 25% बसें चालू हैं। 31 मार्च तक बाजार बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
बेंगलुरू- शहर रविवार तक खुला था, लेकिन सोमवार से सख्ती शुरू की गई। दुकानें बंद करा दी गईं। पुलिस सड़कों पर है और लोगों को चिह्नित कर उपचार किया जा रहा है।
कासरगोड- एक दिन में ज्यादा मरीज सामने आने के बाद अब जाकर पूरा लॉकडाउन किया गया। 64 हजार लोगों को जांच के दायरे में रखा गया। 380 आइसोलेशन हाउस बनाए गए। सार्वजनिक परिवहन बंद है, लेकिन निजी वाहन चालू हैं।
हैदराबाद- कुछ दिन पहले सीएम चंद्रशेखर राव ने बयान दिया था कि लोग लॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं। एेसा ही चलता रहा, तो कर्फ्यू लगा दिया जाएगा और देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए जा सकते हैं। यहां विदेशी लोगों पर सबसे ज्यादा नजर है और बाहर निकलने पर पासपोर्ट रद्द करने के आदेश हैं।