विदिशा में कुआं हादसा:8 शव निकाले गए, 5 लोग अब भी लापता; लापता लोगों की बचने की उम्मीद बहुत कम, 3 घंटे देरी से पहुंची थी रेस्क्यू टीम
यह हादसा गुरुवार शाम करीब 6.30 बजे हुआ था। रवि पानी भरते समय कुएं में गिर गया था। उसे बचाने के लिए कुएं पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। वजन बढ़ने से कुएं का एक हिस्सा धंस गया। इसके साथ ही करीब 30 लोग मलबे समेत कुएं में गिर गए। रात 10 बजे NDRF, SDRF की टीमें पहुंचीं। ADGP साईं मनोहर ने 8 शव निकाले जाने की पुष्टि की है। 20 अन्य लोगों को निकाला जा चुका है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
यह हादसा गुरुवार शाम करीब 6.30 बजे हुआ था। रवि पानी भरते समय कुएं में गिर गया था। उसे बचाने के लिए कुएं पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। वजन बढ़ने से कुएं का एक हिस्सा धंस गया। इसके साथ ही करीब 30 लोग मलबे समेत कुएं में गिर गए। रात 10 बजे NDRF, SDRF की टीमें पहुंचीं। ADGP साईं मनोहर ने 8 शव निकाले जाने की पुष्टि की है। 20 अन्य लोगों को निकाला जा चुका है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
यहां लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है, ऐसे में पुलिस ने घटनास्थल के आसपास एक किलोमीटर का एरिया सील कर दिया है। इधर, कुएं में जमीन से आने वाले पानी का फ्लो काफी तेज है, इसलिए लगातार इंजन चलने के बाद भी यह खाली नहीं हो पा रहा है। इससे रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। जिन 5 लोगों के शव निकाले गए हैं उनमें शुभम (20), उनके पिता सुनील (50), नारायण कुशवाह (45) और दो अन्य शामिल हैं।
रात से ही चल रहा है ऑपरेशन
रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विदिशा जिले में ही थे। उन्होंने मौके पर अधिकारियों को रवाना कर दिया था। विदिशा के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी भोपाल से विदिशा पहुंचे। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार वालों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की सहायता का ऐलान किया है।
कमलनाथ का तंज- शिवराज विदिशा में थे, फिर भी घटनास्थल पर नहीं गए
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी सवाल उठाते हुए कहा, आश्चर्यजनक बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में मौजूद रहने के बाद भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। यह गंभीर मामला है कि प्रशासन के आला अधिकारी कहीं और व्यस्त होने के कारण घटनास्थल पर देर से पहुंचे। कांग्रेस ने हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाई है।
यह अब भी लापता
1.संदीप पुत्र अखिलेश
2. अभिषेक पुत्र ओमकार
3. रवि पुत्र ओमकार
4.गुमन
5.कृष्ण गोपाल अहिरवार
6. गोविंद पुत्र करण सिंह
7.दीनू पुत्र धनसिंह
8. नरेश पुत्र रतिराम
9.पवन पुत्र बालकिशन
10.विक्की पुत्र शिवनाथ
(नोट- इनमें से 5 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।)
रेस्क्यू टीम के पांच सदस्य घायल
भोपाल में NDRF को सवा नौ बजे सूचना मिली थी। इसके बाद टीम गंजबासौदा रवाना हुई। हादसे के दौरान रेस्क्यू कर रहे NDRF और SDRF के 5 सदस्य घायल हुए हैं। ट्रैक्टर के मलबा में गिर जाने से दो लोग घायल हो गए है। इसके अलावा रेस्क्यू के तीन सदस्य घायल हुए हैं। घायल लक्ष्मी नारायण, रमेश, मोहन, गोलू और शशिधर घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इन्हें बचा कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है
1. मनोज पुत्र रती
2. मेवालाल पुत्र कल्याण
3.श्रीकांत पुत्र रामानंद
4.निर्भय पुत्र पन्ना लाल
5.राेहित पुत्र देवेंद्र
6.श्रीधाम पुत्र नारायण
7. जीतेंद्र पुत्र गणेशराम
8. राजू पुत्र सदी लाल
9. दलीप पुत्र आशाराम
10. शिवराज पुत्र रामस्वरूप
11. बालकिशन पुत्र मूलचंद्र
12.सुंदर पुत्र हल्के
13. राजू पुत्र सदी लाल
14. दशरथ पुत्र कृपा
15. सुनील पुत्र लाखन
MP पुलिस ने शर्मसार कर डाला:विदिशा में मौत के कुएं में रेस्क्यू करने गई पुलिस खाने-पीने में जुट गई, लापता बेटे का पिता CM से बोला- ये बहुत भूखे हैं, समोसा-पानी भिजवा दो
मध्य प्रदेश के विदिशा में 13 साल के रवि को बचाने गए 30-40 लोग भुरभुरी मिट्टी में बने कुएं में गिर गए। पूरे गांव में चीख-पुकार मची तो लोगों ने 100 डायल कर पुलिस को बुलाया। इतने बड़े हादसे के बावजूद पुलिसवालों का जवाब था- आने में अभी आधा घंटा लग जाएगा। बाद में कुछ पुलिस आए पर तुरंत लोगों को बचाने की जगह नाश्ते-पानी में जुट गए।
जिस पिता का बेटा लापता हुआ था, वो ये सब देखकर हताश और दुखी हो गया। इसी हताशा में उसने सीएम हेल्पलाइन पर फोनकर कहा- साहब, ये बहुत भूखे हैं। इन्हें समोसा-पानी भिजवा दो। पढ़िए मौत के कुएं से लोगों को रेस्क्यू करने वाली MP पुलिस की शर्मसार करने वाली कहानी…
‘गुरुवार को शाम के करीब 6:30 बजे होंगे। मेरे दो बेटे संजय और रवि कुएं पर पानी भरने गए थे। मैंने उन्हें टोका भी..अंधेरा हो गया है..अभी मत जाओ, अब सुबह जाना। लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी और कहा-पापा बस ले आते हैं। बड़े बेटे संजय ने अभी दो ड्रम उठाकर रखे ही थे कि रवि अचानक कुएं में गिर गया। संजय की जैसे जान निकल गई हो।
वह घर की ओर दौड़ा… चिल्लाते, हांफते और रोते संजय की जुबान लड़खड़ा रहे थे। फिर भी वह बोला- पापा, रवि कुएं में डूब गया है। फिर क्या था, जैसे मेरे पैरों के नीचे से जमीन चली गई हो। हम दोनों ने एक-दूसरे को संभाला और आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। आधे घंटे में कई लोग जुट गए और हम कुएं के पास गए। यहां पहले से दो लोग रवि को बचाने के लिए कुएं में कूद गए थे। मैंने अंदर तैर रहे दोनों लोगों से कहा कि भाई, आधा घंटा हो गया है। अब मेरा बेटा तो गया। तुम लोग बाहर आ जाओ।
इस दौरान कुएं के पास करीब 40 से 50 लोग खड़े थे। भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। शोर-शराबे के बीच अचानक जोर की आवाज आई और मेरे सामने कुएं के नजदीक खड़ी भीड़ मलबे समेत कुएं में समा गई। कुएं का छज्जा कमजोर था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ। हम दूर थे तो बच गए।
पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई थी। हमने पुलिस को फोन लगाया तो 2 घंटे बाद 2 पुलिसकर्मी आए, लेकिन लोगों को देखकर वह भी भाग गए। फिर हमने डायल 100 को फोन किया। पुलिस कर्मियों ने बताया कि वह अभी दूसरी जगह हैं, वहां तक पहुंचने में आधा घंटा लग जाएगा। मैंने कहा तब तक तो कुछ नहीं बचेगा।
फिर मैंने 181 पर फोन किया। यहां मुझे बताया गया कि एंबुलेंस भेज रहे हैं। मैंने कहा कि पहले सहायता भेजिए, जब लोग निकाले जाएंगे तब ही तो एंबुलेंस की जरूरत पड़ेगी। उसके बाद कुछ पुलिस वाले आए, लेकिन वे बचाने की जगह नाश्ता करने में लगे हुए थे। मैंने फिर से सीधे मुख्यमंत्री के 181 पर कॉल किया और उनसे कहा- साहब! यह बहुत भूखे हैं, वहां से इन्हें समोसा-पानी भिजवा दीजिए। आप सीएम हैं, कुर्सी पर हैं। हम तो कुछ नहीं कर सकते। मैं बहुत दुखी था।
181 पर कॉल करने के बाद अमला हरकत में आया और उसके बाद जेसीबी मशीन लगाई गई। कुंए में बहुत पानी आता है, ऐसे में एक पंप से पानी निकालना नामुमकिन था, लेकिन प्रशासन उसी से रात भर अभियान चलाता रहा। मुझे पता है कि मेरा बच्चा जिंदा नहीं बचा होगा, लेकिन अगर यह किसी सीएम या अधिकारी का बच्चा होता तो पूरा प्रशासन जुट गया होता। यह एक गरीब का बच्चा है इसलिए हमें तो वहां पास भी नहीं जाने देते हैं और कुछ बताते नहीं हैं। बस कहते हैं- जाओ यहां से।
रेस्क्यू में इसलिए आ रही है परेशानी
कुएं में गिरे लोगों को निकालने में काफी परेशानी आ रही है। रात होने की वजह से रेस्क्यू सही तरीके से नहीं चला। जेसीबी मशीन जब खुदाई करने लगी तो भूरभूरी जमीन होने की वजह से ऊपर की मिट्टी धंसक जाती। इसलिए दोबारा खोदकर मिट़्टी हटानी पड़ रही है। भूरभरी मिट्टी होने की वजह से ही रात में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ट्रैक्टर पलट गया। जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बचाव दल के 3 लोग मलबे में दब गए थे। इसके अलावा कुएं से निकाला गया पानी झीर से दोबारा आ रहा है, इसलिए पानी कम नहीं हो रहा है।
रेस्क्यू टीम के पांच सदस्य घायल
भोपाल में NDRF को सवा नौ बजे सूचना मिली थी। इसके बाद टीम गंजबासौदा रवाना हुई। हादसे के दौरान रेस्क्यू कर रहे NDRF और SDRF के 5 सदस्य घायल हुए हैं। ट्रैक्टर के मलबे में दब जाने से दो लोग घायल हो गए हैं। इसके अलावा रेस्क्यू के तीन सदस्य घायल हुए हैं। घायल लक्ष्मी नारायण, रमेश, मोहन, गोलू और शशिधर घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।