एंटीलिया स्कॉर्पियो मालिक मौत मामला: क्राइम ब्रांच के पूर्व ऑफिसर सचिन वझे से ATS ने 10 घंटे पूछताछ की, 5 बड़े सवालों के जवाब मांगे

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मुंबई। स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में जांच करने वाली महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के पूर्व API सचिन वझे से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक, देर रात वे अपना बयान दर्ज करवाने ATS ऑफिस गए थे और गुरुवार तड़के उन्हें जाने दिया गया। ATS ने इस मामले में हत्या और आपराधिक साजिश रचने का केस दर्ज किया है।

सूत्रों के मुताबिक, ATS प्रमुख जयजीत सिंह ने खुद सचिन वझे से पूछताछ की है। उन्हें स्कॉर्पियो के मालिक से संबंधों को लेकर और उनकी पत्नी के आरोपों पर सवाल किया गया। हिरेन की पत्नी और बेटे दोनों का बयान दर्ज करने के लिए बुधवार दोपहर को ATS ऑफिस में बुलाया गया था। आज इसी मामले में सचिन वझे मीडिया के सामने अपनी बात भी रख सकते हैं।

सचिन वझे से पूछे गए ये संभावित सवाल
सूत्रों के मुताबिक, ATS के अधिकारियों ने एंटीलिया के बाहर बरामद हुई स्कॉर्पियो और मनसुख हिरेन की मौत से जुड़े कई सवाल सचिन वझे से पूछे हैं। सचिन पहले एंटीलिया केस में जांच अधिकारी रह चुके हैं।

  • आपको एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़ें मिलने की जानकारी कैसे और कब हुई?
  • क्या आप वहां पहुंचने वाले सबसे पहले अधिकारी थे और वहां जाकर आपने पहला काम क्या किया?
  • आप क्या स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन को पहले से जानते थे और आपके उनके साथ कैसे संबंध थे। क्या आपने उनसे पहले भी कई बार बातचीत की है?
  • उनकी पत्नी ने कहा है कि आप उनकी कार को चार महीने से इस्तेमाल कर रहे थे। क्या यह सही है?
  • क्या आप शिवसेना नेता धनंजय गावड़े को जानते हैं और उनके साथ आपके कैसे संबंध है?

सचिन वझे ने कहा- उनका पीछा किया जा रहा है
इस बीच सचिन वझे ने दावा किया है कि एक गाड़ी से कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं। वझे के आरोप के बाद गाड़ी को मुंबई पुलिस ने जब्त कर लिया है। जिस गाड़ी से वझे का पीछा किया जा रहा था उसका नंबर MH 45 ZW 4887 है। जांच में सामने आया है कि कार पर लगी नंबर प्लेट फर्जी है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

कौन हैं सचिन वझे?
मुंबई में साल 2003 में ख्वाजा यूनुस नाम के शख्स की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सचिन वझे ने साल 2008 में इस्तीफा दे दिया था। वझे को यूनुस की मौत के मामले में साल 2004 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद वे सस्पेंड कर दिए गए थे। वझे पर यूनुस की हिरासत में मौत से जुड़े तथ्य छिपाने का आरोप था।

हालांकि, उद्धव सरकार बनने के बाद तकरीबन 12 साल बाद 7 जून 2020 को उन्हें फिर बहाल कर दिया गया। उन्हें मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में तैनात किया गया। साल 1990 बैच के पुलिस अधिकारी वझे अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 63 एनकाउंटर का हिस्सा रहे हैं। सचिन वझे वही शख्स हैं जिन्होंने अर्नब गोस्वामी को उनके घर से अरेस्ट किया था।

सचिन वझे पर लगे हैं हत्या करने के आरोप
मनसुख की पत्नी विमला हिरेन के हवाले से महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा था कि सचिन वझे ने ही हत्या की है। सचिन को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर भाजपा लगातार हमलावर है। विधानसभा के आखिरी दो दिनों सदन की कार्यवाही भी इसके चलते प्रभावित हुई थी। भारी दबाव के बाद सरकार ने सचिन वझे का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर तो कर दिया, लेकिन भाजपा इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रही है।

वझे के मुद्दे पर फडणवीस और उद्धव आमने-सामने
पूर्व CM ने इस मामले में कहा, सचिन वझे के पास जरूर कुछ ऐसा है, जिससे सरकार को डर लग रहा है। इसलिए उन्हें बचाया जा रहा है। इस मामले पर पहली बार गुरुवार को महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे का भी बयान आया था, जिसमें उन्होंने मनसुख मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि विपक्ष ऐसा बर्ताव कर रहा है मानो सचिन वझे कोई ‘ओसामा बिन लादेन’ हो।

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