आईआईटी बॉम्बे में इस साल क्लासरूम में पढ़ाई नहीं होगी, 62 साल में पहली बार पूरे सेमेस्टर में ऑनलाइन क्लासेस होंगी

आईआईटी बॉम्बे देश का पहला ऐसा इंस्टीट्यूट बन गया है, जहां पूरे साल स्टूडेंट्स सिर्फ ऑनलाइन क्लास अटैंड करेंगे संस्थान के 62 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई नया शैक्षणिक सत्र परिसर में छात्रों के बिना शुरू होगा

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मुंबई. महामारी के चलते मुंबई के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी बॉम्बे) ने फेस टू फेस लेक्चर पर साल के आखिर तक रोक लगा दी। फेस-टू-फेस लेक्चर पर रोक लगाने वाला आईआईटी बॉम्बे देश का पहला एजुकेशन इंस्टीट्यूट बन गया है। यहां के डायरेक्टर सुभाशीष चौधरी ने कहा- हम अगले सेमेस्टर तक सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस ही चलाएंगे। इससे छात्र सुरक्षित रहेंगे।

पढ़ाई पर असर नहीं होगा 
चौधरी ने आगे कहा- कोविड-19 की वजह से आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई के तरीके पर फिर विचार किया गया। हम यह तय कर रहे हैं कि क्लासेस शुरू करने में देरी न हो। इसलिए ऑनलाइन क्लासेस का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। सभी स्टूडेंट्स को इस बारे में जल्द जानकारी देंगे।

62 साल में यह पहला मौका
आईआईटी बॉम्बे को शुरू हुए 62 साल हो गए हैं। यह पहला मौका है जब स्टूडेंट्स के बिना ही क्लासेस शुरू होंगी। माना जा रहा है कि देश के दूसरे आईआईटी भी यही तरीका अपना सकते हैं। आईआईटी बॉम्बे पहले भी कई बार ऑनलाइन वेबीनार कर चुका है। यह ऑनलाइन सेमिनार होते हैं।

लैपटॉप भी दिया जाएगा
आईआईटी बॉम्बे में कुछ स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो गरीब तबके से आते हैं। डायरेक्टर चौधरी ने इन स्टूडेंट्स को डिजिटल डिवाइस बांटने के लिए लोगों से दान की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि जो फंड जुटाए गए हैं, इनसे छात्रों के लिए लैपटॉप खरीदे जाएंगे। वर्चुअल डेटा एक्सेस के लिए इंटरनेट डेटा भी दिया जाएगा। चौधरी ने कहा-पैसे की कमी की वजह से किसी छात्र की पढ़ाई में दिक्कत नहीं आने देंगे। हमें करीब 5 करोड़ रुपए की जरूरत है। पूर्व छात्रों ने अच्छा आर्थिक सहयोग दिया है। लेकिन, इससे जरूरत पूरी नहीं होगी। इसलिए मैंने सभी लोगों से डोनेशन की अपील की है।

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