मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार चला रही शिवसेना अब पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी नेता संजय राउत ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। राउत ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद, शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राउत ने अपनी पोस्ट में लिखा- जय हिंद, जय बांग्ला।
पश्चिम बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है। हालांकि, शिवसेना का बंगाल में यह पहला चुनाव नहीं है। शिवसेना ने 2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 15 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इससे पहले 2016 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी 294 में से 18 सीटों पर मैदान में थी। हालांकि, शिवसेना को यहां किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली। बिहार चुनाव के बाद ही शिवसेना ने बंगाल में एंट्री करने के संकेत दे दिए थे।
ओवैसी पहले ही कर चुके बंगाल जाने का ऐलान
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी बंगाल चुनाव में उतरने का ऐलान किया है। बंगाल में ओवैसी की एंट्री से विपक्षी पार्टियां भाजपा को फायदा होने का कयास लगा रही हैं। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी कहा था कि ओवैसी ने बिहार में भाजपा की मदद की थी, अब बंगाल में भी करेंगे। इससे पहले 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 5 सीटें हासिल की थी।
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और भाजपा 200 सीटों का टारगेट लेकर चल रही है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह बंगाल में रैलियां कर चुके हैं। पिछले दिनों शाह की मौजूदगी में तृणमूल के बागी शुभेंदु के साथ 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां सिर्फ 3 सीटें ही जीत सकी थी। वोट शेयर 10% रहा था। जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 18 सीटें जीतने में कामयाब रही।
2016 में बंगाल विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें: 294
पार्टी | सीटें | वोट शेयर |
तृणमूल | 211 | 45.6% |
कांग्रेस | 44 | 12.4% |
भाजपा | 3 | 10.3% |
लेफ्ट | 26 | 20.1% |