PMC बैंक घोटाला:वर्षा राउत ने आरोपी की पत्नी से लिए 55 लाख रुपए लौटाए, बीजेपी बोली- हिसाब तो देना पड़ेगा

शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने PMC बैंक घोटाले के आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी से 55 लाख रुपए लिए थे। राउत ने इसे लोन बताया था।

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मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने PMC बैंक घोटाले के आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी से लिए गए 55 लाख रुपए लौटा दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस रकम को लेकर 4 जनवरी को वर्षा से साढ़े तीन घंटे पूछताछ की थी।

इस मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने संजय राउत पर निशाना साधा। सोमैया ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘संजय राउत कहते हैं कि अब उनकी पत्नी ने पूरा पैसा लौटा दिया है। लेकिन, हिसाब तो देना ही होगा। आखिर में संजय राउत साहब को पैसा वापस करना ही पड़ा।’

सोशल मीडिया में भाजपा नेता किरीट सोमैया की पोस्ट।
सोशल मीडिया में भाजपा नेता किरीट सोमैया की पोस्ट।

ED ने वर्षा राउत से की थी पूछताछ
पूरा मामला PMC बैंक घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि इस मामले में आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ वर्षा राउत का 55 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। प्रवीण ने माधुरी को 1 करोड़ 60 लाख रुपए दिए थे, जिसमें से उन्होंने 55 लाख रुपए वर्षा राउत को दे दिए। संजय राउत ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने यह पैसे लोन के तौर पर लिए थे। इस रकम से संजय राउत परिवार ने दादर में फ्लैट खरीदा था। यह बात भी सामने आई कि वर्षा और माधुरी दोनों प्रवीण राउत की ‘अवनि कंस्ट्रक्शन’ नाम की कंपनी में पार्टनर हैं।

वर्षा राउत चार फर्मों में पार्टनर
राउत परिवार भांडुप की फ्रेंड्स कॉलोनी में अपने मैत्री बंगले में रहता है। संजय राउत के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, 2014-15 में वर्षा राउत की इनकम 13,15,254 रुपए थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक वर्षा राउत चार फर्मों में पार्टनर हैं। इनके नाम रायटर एंटरटेनमेंट LLP, सनातन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिद्धांत सिस्कॉन प्राइवेट लिमिटेड और अवनि कंस्ट्रक्शन हैं। रायटर एंटरटेनमेंट LLP नाम की फर्म ने ही 2019 में ‘ठाकरे’ फिल्म बनाई थी। वर्षा अपने पति संजय राउत और बेटियों पूर्वांशी-विदिता के साथ इस फर्म में भागीदार हैं।

क्या है PMC बैंक घोटाला?
PMC बैंक में फर्जी खातों के जरिए एक डेवलपर को 6500 करोड़ रुपए का कर्ज देने की बात रिजर्व बैंक की नजर में साल 2019 में आई थी। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2019 में बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे। इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने सारंग वाधवान और राकेश वाधवान को गिरफ्तार किया था। बैंक को डुबाने में जो 44 अकाउंट अहम थे, उनमें से 10 अकाउंट HDIL के थे।

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