झारखंड रोप-वे हादसे का LIVE रेस्क्यू :वायुसेना के 3 हेलिकॉप्टर से 22 को निकाला, 21 घंटे बाद 26 श्रद्धालु अब भी फंसे; तार बने मुसीबत

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झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर अभी भी 26 जिंदगियां फंसी हुई हैं। इन्हें निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाल हुआ है। सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। कुल मिलाकर पिछले 21 घंटे में 22 श्रद्धालुओं को बचाया गया। अब तक दो लोगों की मौत हो गई।

रविवार की शाम 4 बजे हादसा तब हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना कीं। जिससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं। अभी 18 ट्रॉलियां फंसी हुई हैं, जिसमें अब भी 26 लोग सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।

रोप-वे के तार से रस्सी बांधकर बच्ची को उतारा गया।
रोप-वे के तार से रस्सी बांधकर बच्ची को उतारा गया।

डर खत्म करने के लिए एक-दूसरे से करते रहे बात

डर खत्म करने एक-दूसरे से बात करते रहे करीब 48 लोग पूरी रात इन ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि डर खत्म करने के लिए हम एक दूसरे से बात करते रहे। हम सभी पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी हम बच जाएं।

सोमवार सुबह सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े छह बजे वायु सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट पहुंचाने की कोशिश हुई।

ये रोप-वे दो पहाड़ियों के बीच में है। नीचे 1500 फीट गहरी खाई है। इसकी वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
ये रोप-वे दो पहाड़ियों के बीच में है। नीचे 1500 फीट गहरी खाई है। इसकी वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहद मुश्किल हो रही है
सेना को रेस्क्यू में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। दरअसल, ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं। नीचे खाई है। हेलिकॉप्टर को जैसे ही इनके पास ले जाया जाता है, तेज हवा की वजह से ये हिलने लगती हैं। बेहद संभलकर एयरलिफ्ट किया जा रहा है। कुछ लोगों को रस्सी के सहारे लोगों को निकाला गया।

ट्रॉलियों में फंसे लोगों को निकालने में जुटे जवानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
ट्रॉलियों में फंसे लोगों को निकालने में जुटे जवानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
केबिन जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है। लिहाजा ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है।
केबिन जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है। लिहाजा ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है।

हादसे में फंसे हुए लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई।

देवघर में मौसम साफ है, लेकिन तारों का जाल होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हेलिकॉप्टर और कमांडो को अपने अभियान में दिक्कत हो रही है।
देवघर में मौसम साफ है, लेकिन तारों का जाल होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हेलिकॉप्टर और कमांडो को अपने अभियान में दिक्कत हो रही है।

त्रिकुट पहाड़ पर हर साल हजारों लोग जाते हैं
त्रिकुट पहाड़ पर त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम है। यहां हर साल हजारों लोग पिकनिक मनाने और मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। इसके लिए यहां एक रोप-वे बनाया गया है। यह झारखंड का एकमात्र और बिहार झारखंड का सबसे ऊंचा रोपवे है। इस पर पहुंचने के लिए एक-एक ट्रॉली में 4-4 लोगों को बैठाकर ऊपर भेजा जाता है।

हेलिकॉप्टर ने कई बार फंसे हुए लोगों के पास जाने का प्रयास किया, लेकिन तारों के जाल के कारण काफी परेशानी हुई।
हेलिकॉप्टर ने कई बार फंसे हुए लोगों के पास जाने का प्रयास किया, लेकिन तारों के जाल के कारण काफी परेशानी हुई।

रोप-वे चलाने वाली एजेंसी होगी ब्लैक लिस्टेड
झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोप-वे का संचालन कर रही दामोदर वैली कार्पोरेशन को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। सैप कैसे टूटा, उसका मेंटेनेंस किस तरह हो रहा था, इन सब बिंदुओं की जांच कराई जाएगी। आने वाले समय में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एक वैकल्पिक सड़क बनाई जाएगी।

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