आंदोलन में अब खुदकुशी : संत राम सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन में खुदकुशी की, सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ आवाज
सोनीपत। किसान आंदोलन के दौरान एक चौंका देने वाली खबर आई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। वे करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है।
दिल बहुत दुखी है आप को ये बताते हुए कि संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली। इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है। मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले
आप सभी से संयम बनाकर रखने की विनती 🙏🏻 pic.twitter.com/DyYyGmWgGg
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 16, 2020
संत राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या की है और उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है।
संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली। इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है। मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले
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— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 16, 2020
कोंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान सुसाइड किया
संत राम सिंह ने कोंडली बॉर्डर पर खुदकुशी की। उन्हें लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव करनाल ले जाया गया है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे।
उनके साथी गुरमीत ने बताया राम सिंह ने सभी से कहा कि तुम स्टेज पर जाकर अरदास करो। गुरमीत ने कहा- मैं अरदास करने मंच पर गया और कार का चालक चाय पीने के लिए चला गया। इसी दौरान उन्होंने खुद को गोली मार ली।