Vidio/ हरियाणा में महापंचायत में हादसा : कंडेला गांव में किसान महापंचायत का मंच गिरा, राकेश टिकैत समेत कई नेता चोटिल

हादसे से पहले महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे।

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जींद के गांव कंडेला में चल रही महापंचायत में हादसा हो गया। जिस मंच से राकेश टिकैत किसानों को संबोधित कर रहे थे, वह गिर गया। मंच पर कई अन्य किसान नेता भी मौजूद थे। हादसे में टिकैत समेत कुछ नेताओं को मामूली चोट आई है।

हादसे से पहले महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे।

महापंचायत में शामिल हरियाणा के किसान वर्ग के लोग। इनमें महिला-पुरुष दोनों ही बढ़-चढ़कर आए हैं।
महापंचायत में शामिल हरियाणा के किसान वर्ग के लोग। इनमें महिला-पुरुष दोनों ही बढ़-चढ़कर आए हैं।

‘आंदोलन के बाद जेल में रहूंगा’
खुद पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने की बात पर टिकैत ने कहा, ‘जब तक आंदोलन चल रहा है चलता रहेगा। उसके बाद जेल में रहूंगा’। मीडिया ने लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि यह सब सरकार की मिली-भगत थी।

‘हमने कभी लाल किले पर जाने की बात नहीं कही’
टिकैत ने कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं। हमने संसद घेरने की बात भले ही कही, पर लाल किले पर जाने की न तो कभी बात कही और न ही हम गए। 26 जनवरी को लाल किले पर जाने वाले लोग किसान नहीं थे और जो थे, वे सरकार की साजिश का हिस्सा थे। उन्हें आगे जाने दिया गया तो वे गए।

कंडेला में खापों की महापंचायत में पारित किए गए 5 प्रस्ताव

  • तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद्द किए जाएं।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून जामा पहनाया जाए।
  • स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
  • किसानों का कर्जा माफ किया जाए।
  • 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्‍त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज केस वापस लिए जाए।

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