दूध सागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी, वर्तमान अध्यक्ष आशा ठाकोर, उपाध्यक्ष मोघजी ठाकोर, प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारियों ने मिलकर डेयरी के 1932 कर्मचारियों को अतिरिक्त बोनस के रूप में करीब 15 करोड़ रुपए देकर आधी से अधिक रकम विपुल चौधरी के खाते में जमा करा ली थी। इस मामले में भगवान भाई चौधरी ने मेहसाणा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
चौधरी ने कहा- निशुल्क पोषाहार भेजना भ्रष्टाचार नहीं
चौधरी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इस मामले में विपुल चौधरी का कहना है कि महाराष्ट्र को अकाल के दौरान निशुल्क पोषाहार भेजना कोई भ्रष्टाचार नहीं है। सहकारी ट्रिब्युनल के आदेश के अनुसार, वे अपनी जमीन गिरवी रखकर पैसा इकट्ठा करके अब तक 11 करोड़ 25 लाख रुपये जमा करा चुके हैं।
गौरतलब है कि मेहसाणा सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन रहते विपुल चौधरी ने 2013 में महाराष्ट्र को बिना मूल्य करीब 22,50 करोड़ रुपये का सागरदाणा (पोषाहार) महाराष्ट्र को भेजा था। 2014 में सहकारी रजिस्ट्रार के यहां शिकायत की गई तो रजिस्ट्रार ने चौधरी को जनवरी 2015 में एक नोटिस जारी किया गया।
इस पर जुलाई, 2018 में सहकारी ट्रिब्यूनल ने रोक लगाते हुए चौधरी को अक्टूबर 2018 तक नौ करोड़ 10 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया।
सागर डेयरी के चुनाव पांच जनवरी को
उत्तर गुजरात की सबसे बड़ी दूध सागर डेयरी से करीब पांच लाख 20 हजार पशुपालक जुड़े हुए हैं। इसका सालाना टर्न ओवर 4254 करोड़ रुपये का होता है। आगामी पांच जनवरी को इसके चुनाव होने हैं। विपुल चौधरी फिर से डेयरी के चेयरमैन बनने की कोशिश में हैं, लेकिन उससे पहले ही डेयरी में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया।