नक्सलियों के कब्जे में CRPF जवान:बीजापुर हमले में बनाया था बंधक, कोबरा बटालियन के राकेश्वर सिंह का फोटो जारी कर कहा- वो हमारे पास सुरक्षित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कोरोना संक्रमण के रिव्यू के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। इस दौरान नक्सलियों से बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम पर भी चर्चा के संकेत हैं। गृहमंत्री ताम्र ध्वज साहू ने मंगलवार को कहा था कि नक्सलियों का पत्र देखा तो नहीं, लेकिन सुना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही फैसला किया जाएगा।

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बीजापुर.  3 अप्रैल को बीजापुर मुठभेड़ के बाद लापता हुए जवान राकेश्वर सिंह नक्सलियों के कब्जे में हैं। नक्सलियों ने उनकी एक फोटो जारी की है। इसमें CRPF की कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर नक्सलियों के कैंप में बैठे नजर आ रहे हैं।

नक्सलियों ने कहा है कि राकेश्वर सुरक्षित हैं। राकेश्वर के जगरगुंडा इलाके में होने की खबरें आ रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि जिस जगह पर जवान को रखा गया है, वह जगह गांव, जंगल और पहाड़ियों के आसपास है।

जवान की रिहाई के लिए नक्सलियों ने मांगे मध्यस्थों के नाम
नक्सली लगातार दावा कर रहे हैं कि राकेश्वर उनके कब्जे में हैं। इससे पहले नक्सलियों ने वॉट्सऐप कॉल कर के भी मीडिया को बताया था कि जवान उनके पास है। एक दिन पहले भी नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कहा था कि सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम बताए, इसके बाद वे जवान को सौंप देंगे।

आज मध्यस्थों के नाम पर हो सकती है चर्चा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कोरोना संक्रमण के रिव्यू के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। इस दौरान नक्सलियों से बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम पर भी चर्चा के संकेत हैं। गृहमंत्री ताम्र ध्वज साहू ने मंगलवार को कहा था कि नक्सलियों का पत्र देखा तो नहीं, लेकिन सुना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही फैसला किया जाएगा।

तलाश के लिए ऑपरेशन की प्लानिंग कर रही CRPF
CRPF के DG कुलदीप सिंह ने कहा था, ‘हमारा एक जवान लापता है, ऐसी अफवाह है कि वह नक्सलियों के कब्जे में है, अभी हम इस खबर की पुष्टि कर रहे हैं और जवान के लिए ऑपरेशन भी प्लान कर रहे हैं।’

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