चंडीगढ़. अगले 4 हफ्तों में पंजाब में करोना से हालात भयावह हो सकते हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए सभी को तैयार रहना पड़ेगा। यह बात सरकार ने अपने सभी मंत्रियों, विधायकों और संबंधित कर्मचारियों – अधिकारियों से कही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आने वाले समय में कोरोना के मामलों के बढ़ने पर अशंका जताई है।
सरकार ने कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सुविधाओं पर विशेष प्रबंध रखें ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। वे सभी हॉस्पिल्टस, क्वारेंटाइन सेंटर्स आदि पर सभी प्रबंधों की समीक्षा करें और अगर कोई कमी है, तो उसे पूरा करने का प्रबंध करें।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब के पास ऐसी सुविधाएं नहीं हैं जो यह बात सुनिश्चित करती हो कि अगर हालात दिल्ली या महाराष्ट्र जैसे हुए तो पंजाब उस स्थिति से मुकाबला कर सकेगा। वहीं, पंजाब सरकार का दावा है कि अगर इसी दर से करोना का ग्राफ बढ़ा तो प्रदेश के पास अभी 40 गुना ज्यादा सुविधाएं मौजूद हैं।
लेकिन सरकार अगले चार हफ्तों में प्रदेश की स्थिति बिगड़ने की बात कर रही है तो ऐसे में इन सीमित संसाधनों के साथ करोना से आखिरकार कैसे निपटा जाएगा यही बड़ा सवाल है। पंजाब के स्वास्थ्य संसाधन अब भी उतने ही हैं जितने करोना की भारत में शुरुआत के वक्त थे। इसी वजह से विपक्षी पार्टियां सवाल कर रही है।
अफसरों के लिए सर्किट हाउस व गेस्ट हाउस बनेंगे क्वारेंटाइन सेंटर
प्रदेश सरकार की अफसरशाही भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई है। इसलिए प्रदेश सरकार ने अपने सभी जिलों में स्थित सभी सर्कट हाउस और गेस्ट हाउस को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जाएगा। अब जब भी किसी जिले में कोई अधिकारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आएगा तो उन्हें संबंधित जिले के सर्कट हाउस और गेस्ट हाउस में बने क्वारेंटाइन सेंटर्स में क्वारेंटाइन किया जाएगा। इससे वे अपने अपने जिलों में ही क्वारेंटाइन में रह सकेंगे।
राज्य में कोरोना से निपटने के क्या हैं जमीनी इंतजाम
- सिर्फ 3 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जहां पर करोना से मुकाबले के इंतजाम का दावा किया जा रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1045 ऑक्सीजन बेड हैं जबकि सिर्फ 99 वेंटिलेटर हैं।
- प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की बात करें तो सिर्फ 6 ही प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं जहां 46 ऑक्सीजन बेड, 90 वेंटिलेटर हैं।
- सूबे के तमाम प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों और नर्सिंग होम के वेंटिलेटर की संख्या जोड़ ली जाए तो वेंटिलेटरों की कुल संख्या सिर्फ 235 है। इसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और करीब 212 निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम के वेंटिलेटर भी शामिल है।
- पंजाब के पास महज 2144 ऑक्सीजन बेड हैं जबकि प्राइवेट और सरकारी वेंटिलेटर की संख्या मिलाकर ही 235 है।
- इस वक्त पंजाब में टोटल एक्टिव मरीज 1900 के आसपास हैं।
हालांकि, पंजाब सरकार का दावा है कि इस वक्त प्रदेश में सिर्फ. 3% वेंटिलेटर ही इस्तेमाल हो रहे हैं। करोना मरीजों में से सिर्फ 3% यानी 57 लोग ही ऑक्सीजन बेड पर हैं। जबकि 6 लोग वेंटिलेटर पर है।