15 जगहों पर स्टेशन परिसरों के पास जुटे हैं आंदोलनकारी, रेलवे कह रहा पूरी तरह परिसर खाली करो, पैसेंजर ट्रेनें भी चलाएंगे

सरकार का दावा... अब सभी ट्रैक खाली, पूरी सुरक्षा है, मालगाड़ियां चलाई जाएं रेलवे का जवाब... 22 जगहों पर अभी भी धरना, 12 तक नहीं चलाएंगे ट्रेन

त्योहारी सीजन में पंजाब की लाइफ लाइन सवा महीने से बंद है। दिल्ली में मुख्यमंत्री के धरने के तीन दिन बाद भी गतिरोध बरकरार है। सरकार का दावा है कि सभी ट्रैक खाली करवा लिए हैं। दूसरी तरफ रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने पंजाब सरकार के दावे को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा, 22 जगहों पर धरना जारी है। रेलवे मालगाड़ियां ही नहीं, पैसेंजर ट्रेनें भी चलाना चाहता है। मौजूदा हालात में 12 नवंबर तक ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी। भास्कर ने ग्राउंड रियलिटी चेक की तो पाया अधिकांश जगहों पर आंदोलनकारी ट्रैक से हटकर रेलवे परिसर में धरना देने लगे हैं। अमृतसर, बटाला, बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर, फाजिल्का समेत 15 जगहों पर रेलवे परिसरों में धरना दिया जा रहा है। जत्थेबंदियों ने रेलवे की इस बात पर रोष जताया कि स्टेशन परिसर से 1000 मीटर की दूरी पर प्रदर्शन करें। बठिंडा में शनिवार सुबह मुलतानिया पुल के नीचे टैंट लगा धरना दिया गया। मौड़ मंडी में वह रेलवे ट्रैक के नजदीक, रामपुरा में स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रदर्शन जारी है।

किसान, राज्य सरकार के मुताबिक नहीं चला सकते ट्रेनें

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने कहा कि सूबा सरकार या किसानों की शर्तों पर ट्रेनंे नहीं चलाई जाएंगी। रेलवे पैसेंजर ट्रेनें भी चलाना चाहता है। किस रूट पर कब, कौन सी ट्रेन चलेगी, यह रेलवे तय करता है। रेलवे सभी ट्रेनें जल्द चलाना चाहता है, बशर्ते ट्रैक, स्टेशन और रेलवे परिसर पूरी तरह क्लियर हो। चेयरमैन कम सीईओ ने कहा कि उनके पास 22 स्टेशन परिसरों में धरने की सूचना है। आंदोलनकारियों द्वारा कई स्टेशन मास्टरों से कहा जा रहा है कि कोई पैसेंजर गाड़ी चली तो अच्छा नहीं होगा। रेलवे ने 22 अक्टूबर को मालगाड़ियां चलाने की कोशिश की थी पर 23 अक्टूबर को मुश्किलों का सामना करने के बाद परिचालन बंद करना पड़ा।

ट्रैक की सिक्योरिटी के लिए 27 टीमें गठित… सरकार के आदेश पर पुलिस ने सभी रेल ट्रैक, स्टेशनों और परिसरों की सुरक्षा के लिए 27 टीमें गठित की हैं। हर टीम में 7 मेंबर होंगे। टीम में लोकल प्रशासन और भाकियू मेंबर भी शामिल होंगे। टीम का नेतृत्व एसपी करेंगे। पंजाब में 2300 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही होती है।

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