चंडीगढ़। कोरोना महामारी के दूसरे फेज में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने शिक्षण संस्थानों को लेकर पहले जारी हुई गाइडलाइंस में कुछ और नियमों को जोड़ा है ताकि बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता बनाया जाए। इसमें खासतौर पर प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को लेकर नियमों को और सख्त करने का फैसला किया है।
विभाग के अधिकारियों की मीटिंग यह तय किया गया है कि अब इन नए नियमों का भी कोचिंग सेंटरों एवं स्कूल को पालन करना होगा। इसको लेकर सभी जिलों के डीसी एवं सिविल सर्जनों को नियमों का पालन सख्ती से करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और उल्लंघन पर कार्रवाई करने के आदेश हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन नए नियमों को लेकर एक सकुर्लर सभी डीसी को भेजा जाएगा।
वहीं कोचिंग सेंटर का कोई स्टाफ संक्रमित होता है या एकांतवास में जाता है तो इसकी जानकारी कोचिंग सेंटर को स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। इसके अलावा कोचिंग सेंटरों में बैंच को बढ़ाने का फैसला किया गया है। अगर किसी कोचिंग सेंटर में पहले दो बैच में बच्चों को पढ़ाया जाता था तो अब तीन बैच में पढ़ाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के बीच में कम से कम 6 फीट की दूरी होनी जरूरी होगी। वहीं दिसंबर की परीक्षाएं ऑनलाइन ली जाए या लिखित में इस बारे में बाद में मीटिंग कर फैसला ले लिया जाएगा। वहीं स्कूलों और सेंटरों को मास्क भी मुहैया करवाना होगा।
18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने पर अभी विचार नहीं...कोरोना की वैक्सीन लगाने को लेकर सरकार ने अपना एक्शन प्लान बना लिया है जिसमें यह तय किया गया है कि पहले फेज में किन लोगों को यह वैक्सीन लगाई जानी है। यह बात सरकार द्वारा करोना से निपटने के लिए बनाई गई कमेटी के डॉक्टर केके तलवार ने कही। उन्होंने कहा कि सूबे में छोटे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाए जाने को फिलहाल कोई प्लान नहीं है। क्योंकि कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल 18 साल से अधिक के लोगों पर हुआ है।