चंडीगढ़। CM चरणजीत सिंह चन्नी ने सूबे के नए पुलिस महानिदेशक यानी DGP के नाम पर मुहर लगा दी है। वीके भवरा 1987 बैच के IPS अफसर हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को ही नए DGP के नाम को मंजूरी दी। अब उनकी अगुवाई में ही पंजाब पुलिस विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगी।
पंजाब के कार्यवाहक DGP बनाए गए सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के समय हुई सुरक्षा चूक को लेकर भी सवालों के घेरे में थे। केंद्र सरकार की टीम ने भी राज्य की पुलिस पर प्रधानमंत्री के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम न करने का आरोप लगाया था। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है।
PM की सुरक्षा में चूक के बाद गाज
DGP के बाद फिरोजपुर के SSP हरमनदीप भी हटा दिए गए हैं। उनकी जगह पर नरिंदर भार्गव को नया SSP लगाया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में चूक सामने आई थी। प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक फिरोजपुर में एक फ्लाईओवर पर रुका रहा था। उस दौरान काफिले के पास काफी लोग पहुंच गए थे। इस मामले के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। प्रधानमंत्री ने बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से कहा था कि अपने मुख्यमंत्री को कह देना कि वह यहां तक जिंदा पहुंच गए। इसके बाद सूबे में सियासी बवाल खड़ा हो गया था।
UPSC ने 3 अफसरों का पैनल भेजा था
संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC ने 4 जनवरी को पंजाब में स्थायी DGP के लिए 3 अफसरों के नाम का पैनल भेजा था। सूत्रों की मानें, तो गुरुवार और शुक्रवार की रात 1 बजे तक CM चन्नी, डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और गृह विभाग के ACS अनुराग वर्मा के बीच इस मामले पर लंबी चर्चा हुई। इतनी कवायद के बाद भी DGP के नाम का फैसला
नहीं हो पाया था। आखिरकार शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री चन्नी ने वीके भवरा के नाम की फाइल पर दस्तखत कर दिए।
पंजाब के 2 IPS केंद्रीय डेपुटेशन पर जाएंगे
UPSC के पैनल में 1987 बैच के IPS दिनकर गुप्ता और वीके भवरा के साथ 1988 बैच के प्रबोध कुमार शामिल थे। दिनकर गुप्ता गृह विभाग को पहले ही लिखकर दे चुके हैं कि वह DGP बनने के इच्छुक नहीं हैं। वहीं, प्रबोध कुमार बेअदबी कांड में असरदार कार्रवाई न कर पाने को लेकर राज्य सरकार के पसंदीदा अफसरों की सूची से पहले ही बाहर थे। दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार दोनों ने ही केंद्रीय डेपुटेशन पर जाने की इच्छा जताई थी। ऐसे में भवरा ही अकेले दावेदार बचे थे, जो अब राज्य के DGP बन गए हैं।
पिछले DGP के हटने की तारीख पर फंसा पेंच
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चरणजीत चन्नी नए मुख्यमंत्री बने। उन्होंने उस वक्त DGP रहे दिनकर गुप्ता को नहीं हटाया और वे 5 अक्टूबर तक पद पर काम करते रहे। इधर, चन्नी सरकार ने 30 सितंबर को ही 10 अफसरों के नामों की लिस्ट UPSC को भेज दी थी। उस समय दिनकर गुप्ता छुट्टी पर थे।
इसके बाद UPSC और राज्य सरकार के बीच विवाद खड़ा हो गया। UPSC का कहना था कि दिनकर गुप्ता को 5 अक्टूबर को पद से हटाया गया, उस दिन से ही DGP की पोस्ट खाली मानी जाएगी। इसके हिसाब से ही नए नामों का पैनल भेजा जाना चाहिए। इधर, पंजाब सरकार 30 सितंबर को भेजे गए नामों में से ही DGP पैनल बनाने को कह रही थी।
हालांकि UPSC ने पंजाब सरकार की दलील नहीं मानी। पंजाब सरकार ने 5 अक्टूबर को दोबारा नामों का पैनल भेजा। इसी वजह से चट्टोपाध्याय 6 महीने का कार्यकाल बाकी रहने की शर्त को पूरा नहीं कर पाए। वह 31 मार्च 2022 को रिटायर हो रहे हैं।