चंडीगढ़। सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरने प्रदर्शन से आसपास के गांव में कोरोना फैलने की आशंका के बाद केंद्र सरकार की किसानों को वहां से हटाने की आशंका के मद्देनजर संयुक्त मोर्चे ने बॉर्डर के 40 गांवों को गोद लेने का फैसला किया है। किसान जत्थेबंदियां की मीटिंग के बाद संयुक्त किसान मोर्च की ओर से कहा गया है कि गांवों में विशेष अस्पताल और डॉक्टरों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की टीमें ग्रामीणों के घर घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच करेंगी। जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं, उन्हें उचित इलाज मुहैय्या कराया जाएगा।
जिन लोगों को अस्पताल जाने में कोई परेशानी है, उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाएगा। किसान जत्थेबंदियों ने कहा- सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 10 बैड के अस्पतालों को अपग्रेड कर 40 बैड का बनाया जाएगा। जहां किसानों के साथ साथ ग्रामीणों का भी इलाज हो सकेगा। यहां रिटायर हो चुके सिविल सर्जन, हैल्थ अफसर समेत पैरामेडिकल स्टाफ अपने वालंटियर के तौर पर सेवाएं निभाएंगे।
ग्रामीणों के घर के आसपास उपलब्ध होगी टेस्टिंग सुविधा
किसानों ने निर्णय लिया है, गोद लिए गांव में टेस्टिंग लैब की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। जहां लोगों कोरोना के साथ साथ किसी प्रकार के टेस्ट करवा सकेंगे। केंद्र या राज्य सरकारें दावा कर रही है, उनसे बेहतर देखभाल किसान मोरचा द्वारा किए जाने वाले मेडिकल टीमें करेंगी।
किसान मजदूर एकता अस्पताल होगा हाइटैक
अस्पतालों में रूटीन हैल्थ चैकअप के लिए हाईटेक इंतजाम होेंगे। अब किसानों के साथ साथ टिकरी व सिंघु बार्डर के साथ लगते गांवों वालों को भी अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत आती है तो तुरंत किसान मजदूर एकता अस्पताल में इलाज होगा।
एमएचए की शंकाओं को किया खारिज
किसान जत्थेबंदियों ने एमएचए की उन शंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया है किसान आंदोलन के चलते आसपास के गांवों में कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि किसान कोरोना नियमों की पूरी पालना कर रहे हैं।
आंदोलन में जत्थों का जाना रहेगा जारी
किसान आंदोलन में पंजाब से किसानों के बड़े जत्थों का सिंघु व टिकरी बॉर्डर पर जाना आगे भी जारी रहेगा। हाल ही में 15 हजार किसान पंजाब से बॉर्डर पर पहुंचे हैं। जिसके चलते कोरोना के चलते केंद्र सरकार आए दिन झूठी अफवाहोें के साथ नए दिशा-निर्देश जारी कर रही है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा सजग है और कृषि कानून रद्द होने तक अपना आंदोलन पूरे दमखम से जारी रखेगा।
-जोगिंदर सिंह उग्राहां, भाकियू नेता