Punjab :जेल में गैंगस्टर्स ने रची थी साजिश, 10 लाख में दी थी शौर्य चक्र विजेता बलविंदर के कत्ल की सुपारी

बेटे से थी रंजिश, हत्या में गैंगस्टर ज्ञाना के हाथ की आशंका

होशियारपुर। शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश गैंगस्टरों ने जेल में रची थी। पुलिस की प्राथामिक जांच की पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आए हैं। हत्या के पीछे बलविंदर व उनके बेटे का काफी समय से गैंगस्टरों से चल रहे विवाद काे मुख्य कारण माना जा रहा है। यह विवाद तब हुआ था जब बलविंदर का बेटा किसी मामले में जेल में बंद था। उसी दौरान गैंगस्टर्स से उसकी अनबन हुई थी और तभी से गैंगस्टर्स रंजिश रखने लगे थे।

16 अक्टूबर को इसी के चलते गैंगस्टर्स ने बलविंदर को निशाना बनाया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फिरोजपुर जेल में बंद गैंगस्टर रविंदर उर्फ ज्ञाना पूरी साजिश में शामिल रहा है। लेकिन इन तथ्यों की जांच के लिए पूछताछ जारी है। ये भी पता चला है कि जेल में गैंगस्टरों ने ही 10 लाख की सुपारी देकर बलविंदर पर हमला कराया था।

3 लाख आराेपियाें काे एडवांस दिए थे जबकि 7 लाख देने थे। आरोपियों ने योजनानुसार बलविंदर के घर पहुंच कर गोलियां दागी थीं। जिससे मौके पर उनकी मौत हो गई थी। नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कामरेड की हत्या के पीछे जेलों में बंद गैंगस्टर हैं। लेकिन अभी जांच जारी है।

जग्गू भगवानपुरिया से भी हो रही पूछताछ

जांच अधिकारी गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया से भी पूछताछ कर रहे हैं। जग्गू ने कई खुलासे किए हैं, लेकिन जग्गू की इस मामले में सीधे तौर पर शामूलियत सामने नहीं आ रही है। लेकिन वे गैंगस्टर रविंदर उर्फ ज्ञाना के साथ लगातार संपर्क में था। ज्ञाना व भगवानपूरिया से जांच अधिकारियों ने अलग अलग से पूछताछ की है। मामले में ज्ञाना की भूमिका ज्यादात्तर सामने आ रही है।

डोर स्टोपर ऊपर होता तो शायद बलविंदर जिंदा होते

जांच में खुलासा हुआ कि हमले के बारे में बलविंदर को पता चल गया था। उन्हाेंने जान बचाने को दरवाजा बंद किया था, लेकिन दरवाजे का डोर स्टोपर नीचे होने के कारण दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हो पाया था। अगर डोर स्टोपर ऊपर की तरफ होता तो शायद बलविंदर आज जिंदा हाेते।

पत्नी बाेलीं- पुलिस हत्याराें काे पकड़ने में नाकाम, इसलिए गैंगस्टर के एंगल काे ला रही

बलविंदर की पत्नी जगदीश कौर ने हत्या में गैंगस्टरों का हाथ होने की बात पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उसका कहना है कि पुलिस असर हत्यारों को पकड़ नहीं पा रही, इसलिए अब गैंगस्टरों को एंगल लाया गया है।

रिहायश से नीचे आते ही दागी थी 4 गोलियां

बलविंदर सिंह (62) की 16 अक्टूबर को तरनतारन के गांव भिखीविंड में उनके घर पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मार हत्या कर दी थी। तब परिवार ने हत्या में आतंकियों का हाथ होने का संदेह जताया था। बलविंदर कस्बे में निजी स्कूल चलाते थे। उनकी रिहायश स्कूल के ऊपर है। वहां सीसीटीवी लगे थे। 16 अक्टूबर को बलविंदर रिहायश से नीचे आ रहे थे तभी पल्सर बाइक पर सवार दो युवक उनके घर के बाहर आकर रुके। एक घर के बाहर खड़ा रहा और दूसरे ने अंदर घुसकर पिस्तौल से बलविंदर सिंह पर चार गोलियां दाग दी थीं।

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