चंडीगढ़। अनलॉक के दिशा निर्देशों की अनदेखी कर पंजाब में ट्रैक्टर रैली व किसान धरने के खिलाफ याचिका पर बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसान नेताओं के साथ बैठक कर आपसी सहमति से धरना उठाने के प्रयास करें। जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस अवनीश झींगन की खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र व राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
किसानों की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि वे अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। किसी भी तरह की कानून व्यवस्था को भंग नहीं किया जा रहा। किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाले जाने पर आईजी एके पांडे ने हाईकोर्ट में जवाब दायर कर कहा था कि अनलॉक के नियमों की अनदेखी नहीं हुई। सभी जरूरी अनुमति लेकर रैली निकाली गई। इस दौरान कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ी और किसी भी स्टेट या नेशनल हाईवे को ब्लॉक नहीं किया गया। अनलॉक को लेकर जारी की गई सभी जरूरी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखा गया।
इस संबंध में दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 के चलते अनब्लॉक 4 और 5 के दिशा निर्देशों की अनदेखी कर राजनीतिक दल पंजाब में रैली कर रहे हैं। 1 अक्टूबर को शिरोमणी अकाली दल ने 3 सिख तख्तों से चंडीगढ़ के लिए राजनीतिक रैली की। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी। रैली में अनलॉक के दिशा निर्देशों की भी अनदेखी कर भारी संख्या में लोग जुटे। इसके बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की अगुवाई में 3 से 5 अक्टूबर तक पंजाब में ट्रैक्टर रैली निकाले जाने की घोषणा की गई।
राहुल गांधी के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली निकाली गई जिसमें मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई नेता अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर रैली में लोग इकट्ठे हुए और अनलॉक के निर्देशों की खुली उल्लंघना की गई। याचिका में कहा गया कि कोविड-19 के चलते इस तरह की रैलियों पर रोक लगाई जाए और राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि अनलॉक को लेकर जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए।