बिहार में जदयू का इलेक्शन कैम्पेन:वर्चुअल रैली में नीतीश बोले- लालू के परिवार में पढ़ी-लिखी लड़की के साथ जो हुआ, वो सब जानते हैं; लालू अंदर हैं तो जनता को मुक्ति मिली

नीतीश कुमार ने पहली वर्चुअल रैली की, कोरोना के बहाने अपनी योजनाओं का जिक्र किया नीतीश ने लालू की बहू रहीं ऐश्वर्या राय को लेकर लालू के परिवार पर निशाना साधा

बिहार में सत्तारूढ़ जदयू की पहली चुनावी रैली योजनाओं को समर्पित रही। इस वर्चुअल रैली में हर योजना की बात करते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू-राबड़ी राज से उसकी तुलना की। नीतीश ने 2 घंटा 56 मिनट भाषण दिया। इस दौरान एक बार लालू यादव का नाम लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रिका प्रसाद यादव (राजद छोड़कर जदयू में आए) का स्वागत है। ऐश्वर्या राय के साथ क्या हुआ? लोग शिक्षा की बात करते हैं। लालू परिवार में एक पढ़ी-लिखी लड़की के साथ क्या हुआ? ऐश्वर्या दारोगा बाबू (पूर्व मुख्यमंत्री) की पौत्री हैं। दारोगा राय ने कितनी मदद की थी। उनकी पौत्री के साथ क्या हुआ? परिवारवाद ही उनके लिए सब कुछ है। जिन्होंने आपकी मदद की, आपने उनके साथ क्या किया? ये सब लोग आए, मैं इनकी इज्जत करूंगा।

नीतीश ने ‘निश्चय संवाद’ में कहा कि लालू जी कहते हैं कि हम लोग बिहार पर भार हैं। आप जेल में हैं तो लोगों को पता चल ही रहा है कि कौन भार हैं। जब आपको काम करने का मौका मिला, तब आप लोगों क्यों नहीं किया? जब तक मौका मिलेगा सेवा करेंगे। जिसको जो बोलना है, वो बोलता है। आप अंदर हैं, तो लोगों को मुक्ति मिली हुई है। चुनाव में जनता मालिक है। जिसे चाहेगी, काम की जिम्मेदारी देगी। कुछ लोगों को लड़ाने में दिलचस्पी है।

केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का जिक्र किया, पर मोदी का नाम नहीं लिया

कोरोना से लड़ाई के बहाने अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कई बार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का जिक्र किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया। उन्होंने शुरुआती 21 मिनट में केंद्र सरकार का कई बार जिक्र किया और उसके बाद बिहार सरकार की योजनाओं पर खुद को केंद्रित कर लिया।

नीतीश ने औपचारिक रूप से चुनाव का जिक्र भी किया तो कोरोना से बचाव की बात कहते हुए। उन्होंने यहीं से लालू-राबड़ी राज पर भी हमला शुरू किया और बिना नाम लिए ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। कहा कि लोगों को कुछ जानना नहीं, बस बोलना है, इसलिए हम एक-एक बात बता देते हैं कि कैसे कोरोना से लड़ाई की शुरुआत बिहार ने लॉकडाउन से की।

नीतीश भाषण दे रहे थे तभी राजद कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हुए जदयू ऑफिस के सामने आ गए।
नीतीश भाषण दे रहे थे तभी राजद कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हुए जदयू ऑफिस के सामने आ गए।

क्राइम, करप्शन और करप्शन को नहीं आने देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल तक पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) का राज था। कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति थी? सामूहिक नरसंहार होते थे। हमने कानून का राज कायम किया। क्राइम-करप्शन और कम्युनलिज्म को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पहले कोई गवाही देने के लिए निकल पाता था क्या? शाम होने के पहले लोग घरों में चले जाते थे। कुछ चंद लोग कार के बाहर राइफल और बंदूक दिखाते हुए चलते थे। पुरानी तस्वीर और आज की तस्वीर देखिए। वे (लालू) खुद तो जेल में हैं और ट्वीट कर रहे हैं। इसके लिए लोगों को बहाल कर रखा है।

आज सड़क टूटने पर बोलने वाले 15 साल पहले की स्थिति याद कर लें
तेजस्वी पर नीतीश ने कहा कि सड़क टूट गई तो वे सोशल मीडिया पर क्या-क्या लिखने लगे। बाढ़ में सड़क टूटी है तो उसे ठीक करेंगे। इन्हें याद करना चाहिए कि बिहार में 15 साल पहले कैसी सड़क थी। गड्ढे में सड़क थी कि सड़क में गड्ढा, पता नहीं चलता था। अब लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) की जरूरत खत्म हो गई है। हर घर में बिजली है। 15 साल पहले कितनी देर बिजली रहती थी, वे लोग ये भी बताएं।

जदयू ऑफिस के कर्पूरी सभागार में नीतीश कुमार का भाषण सुनते लोग।
जदयू ऑफिस के कर्पूरी सभागार में नीतीश कुमार का भाषण सुनते लोग।

वोट लेते रहे, कब्रिस्तान की घेराबंदी नहीं कराई
नीतीश ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे, हमने इसके लिए काम किया। ये लोग वोट तो लेते रहते थे, लेकिन कब्रिस्तान की घेराबंदी की थी क्या? हमने सभी कब्रिस्तानों का सर्वे कराया और घेराबंदी कराई। मंदिर में लगातार चोरी होती थी, 226 मंदिरों की घेराबंदी कराई, 112 पर काम जारी है। भागलपुर में जो दंगा हुआ था, उसमें राजद ने दोषियों पर क्या कार्रवाई की? हम आए तो कार्रवाई हुई।

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