नीतीश 7वीं बार सीएम:डिप्टी सीएम बनने जा रहे तारकिशोर और रेणु देवी समेत 14 मंत्रियों ने शपथ ली

नीतीश कुमार की इच्छा के बावजूद सुशील कुमार मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया तो विधानसभा अध्यक्ष पद जदयू के पास रहने की संभावना थी। विजय कुमार चौधरी का नाम भी तय था, लेकिन भाजपा ने जदयू से यह पद ही ले लिया। यह पद अगड़ी जाति के अमरेंद्र प्रताप सिंह को देने की बात थी, ताकि बड़े पदों पर तालमेल बना रहे, लेकिन अब प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर मंत्री रहे नंद किशोर यादव को मैनेज करने में इस पद का इस्तेमाल हो सकता है।

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पटना। नीतीश कुमार ने आज राजभवन में 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश के साथ 4 बार के विधायक तारकिशोर प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली। वे वैश्य समुदाय से आते हैं। अति-पिछड़ा वर्ग से आने वाली रेणु देवी को भी शपथ दिलाई गई। पोर्टफोलियो भले अभी नहीं बंटा, लेकिन नीतीश के बगल की दो कुर्सियों पर तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के बैठने से ये साफ हो गया कि तमाम विरोधों के बावजूद ये दोनों ही उप-मुख्यमंत्री हैं।

नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम पद के दावेदार तारकिशोर (बीच में) और रेणु देवी।
नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम पद के दावेदार तारकिशोर (बीच में) और रेणु देवी।

नीतीश की कैबिनेट में जदयू के 5, भाजपा के 7, हम के एक और वीआईपी के एक विधायक को मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। शपथ समारोह में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। शाह और नड्डा पहली पंक्ति में बैठे, पर इस कतार में पिछले डिप्टी सीएम सुशील मोदी का नाम नहीं था।

 

इन्होंने ली शपथ पार्टी कहां से विधायक
तारकिशोर भाजपा वैश्य समुदाय से आते है। भाजपा विधानमंडल के नेता। कटिहार से 4 बार से विधायक। 12वीं तक पढ़े हैं। डिप्टी सीएम पद इन्हीं के पास होगा।
रेणु देवी भाजपा भाजपा विधानमंडल की उपनेता। अति पिछड़े नोनिया समुदाय से आती हैं। बेतिया से विधायक हैं। 2005 से 2009 तक खेल और संस्कृति मंत्री रह चुकी हैं।
विजय चौधरी जदयू पिछली विधानसभा में स्पीकर थे। नीतीश के करीबी। इस बार सरायरंजन से जीते हैं। यहां से 6 बार से विधायक हैं।
बिजेंद्र यादव जदयू 74 साल के यादव सबसे उम्रदराज मंत्री। जेपी आंदोलन के समय से राजनीति में हैं। 1990 से सुपौल से 8 बार से विधायक हैं। पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे।
अशोक चौधरी जदयू महादलित वर्ग से हैं। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और नीतीश के करीबी हैं। कभी कांग्रेस में थे। 5वीं बार सकरा से विधायक।
मेवालाल चौधरी जदयू कुशवाहा वर्ग से हैं। तारापुर से विधायक हैं। बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे।
शीला कुमारी जदयू अति पिछड़े वर्ग से हैं। फुलपरास से विधायक हैं। पहली बार चुनाव जीती और मंत्री बनीं।
संतोष मांझी हम महादलित वर्ग से हैं और विधान परिषद के सदस्य हैं। 4 सीटों वाली पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा यानी हम के चीफ जीतनराम मांझी के बेटे हैं।
मुकेश सहनी VIP निषाद वर्ग से आते हैं। महागठबंधन छोड़कर NDA में आए। खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव हार गए, लेकिन उनकी पार्टी 4 सीटें जीत गई।
मंगल पांडेय भाजपा ब्राह्मण समुदाय से हैं। पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। आरएसएस और एबीवीपी में रह चुके हैं। विधान परिषद के सदस्य हैं। बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।
अमरेंद्र प्रताप सिंह भाजपा राजपूत वर्ग से हैं और आरा से विधायक हैं। अमरेंद्र के भाई भूपेंद्र झारखंड सरकार में मंत्री हैं।
रामप्रीत पासवान भाजपा पार्टी का दलित चेहरा हैं। लोजपा के अलग होने के बाद पासवान समुदाय के नेता को भाजपा ने मंत्री बनाया। मधुबनी के राजनगर से विधायक हैं। मैथिली में शपथ ली।
जीवेश मिश्रा भाजपा मिथिलांचल में भूमिहार समुदाय के बड़े नेता। दरभंगा की जाले सीट से विधायक हैं। मैथिली में शपथ ली।
रामसूरत राय भाजपा मुजफ्फरपुर के औराई से विधायक। यादव समुदाय से आते हैं। पहली बार मंत्री बन रहे हैं।

Patna : नीतीश की ताजपोशी के लिए पहुंचे अमित शाह और जे पी नड्डा - Pioneer  Hindi

ताजपोशी में तेजस्वी नहीं
राजद नेता तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो रहे। भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस्वी दो दिन से घर से बाहर ही नहीं निकले। तेजस्वी ने हार नहीं मानी है। वे चुनाव नतीजों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए दिल्ली में विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं। इस वजह से महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वाम दल) ने भी शपथ ग्रहण समारोह का बायकॉट किया। उधर, लोजपा को समारोह का न्योता नहीं दिया। इस वजह से चिराग पासवान और उनकी पार्टी के इकलौते विधायक शपथ ग्रहण में नहीं गए।

सुशील मोदी अलग-थलग

नीतीश के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पटना पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का एयरपोर्ट पर भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। डिप्टी सीएम की राह से दूर हुए सुशील कुमार मोदी अलग-थलग दिखे।
नीतीश के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पटना पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का एयरपोर्ट पर भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। डिप्टी सीएम की राह से दूर हुए सुशील कुमार मोदी अलग-थलग दिखे।

स्पीकर भाजपा का होगा
इस बार स्पीकर भाजपा का होगा। सोमवार दोपहर तक अमरेंद्र प्रताप सिंह और नंदकिशोर यादव के नाम की चर्चा थी। अब नंदकिशोर का नाम आगे चल रहा है। अमरेंद्र को मंत्री बनाया जा रहा है। वे आरा से विधायक हैं। इससे पहले वे डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। वहीं, यादव पटना साहिब से विधायक हैं। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछली बार स्पीकर रहे विजय कुमार चौधरी को भी मंत्री बनाया जा रहा है।

बिहार में सरकार तो बन रही है, लेकिन सत्तारूढ़ होने जा रहे दलों के अंदर स्थितियां सहज होती नहीं दिख रहीं। भाजपा सबसे ज्यादा असहज स्थिति में है। डिप्टी CM की कुर्सी को लेकर यहां बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

Live: आज सातवीं बार CM पद की शपथ लेंगे नीतीश, डिप्टी CM पर सस्पेंस कायम -  nitish kumar oath ceremony bihar nda government swearing in live updates -  AajTak

बवंडर तीन सवालों पर है
1
. पिछड़ा वर्ग से ही डिप्टी सीएम देना था तो तारकिशोर से बहुत सीनियर नंदकिशोर यादव के नाम पर विचार क्यों नहीं हो रहा?
2. अति पिछड़ा वर्ग के नाम पर रेणु देवी को डिप्टी सीएम का पद देना था तो काफी पहले से इस दौड़ में रहे डॉ. प्रेम कुमार का नाम क्यों नहीं है?
3. सीएम नीतीश कुमार पिछड़ा वर्ग से हैं तो भाजपा मंगल पांडेय जैसे अगड़ी जाति से आने वाले किसी नेता को डिप्टी सीएम का पद क्यों नहीं दे रही?

अन्य राज्यों की तरह बिहार में भाजपा के इस प्रयोग को पार्टी के नेता सीधे तौर पर नकार तो नहीं रहे, लेकिन अंदर ही अंदर जबरदस्त बवाल है। यही कारण है कि राजभवन तक मंत्रियों का नाम पहुंचने में भाजपा को देर लगी।

प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रभारी असहज हो गए
भाजपा में सीनियर-जूनियर के साथ जातिगत गणित की लड़ाई रविवार शाम से ही शुरू हो गई और रविवार को यह चरम पर नजर आई। प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं के अंदर चल रहे गतिरोध को लेकर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव असहज नजर आए। जदयू की ओर से जहां संभावित मंत्रियों को शपथ के लिए फोन जाने की औपचारिकता होती रही, वहीं भाजपा में यह काम लटका रहा।

 

शपथ के चार घंटे पहले डॉ. संजय जायसवाल एक सूची लेकर राजभवन पहुंचे। इस सूची में भाजपा के कई सीनियर मंत्रियों के नाम हैं, लेकिन वे इस बात से असहज महसूस कर रहे हैं कि उनका नाम इंटर पास डिप्टी CM के नाम के बाद है। रविवार को NDA की बैठक के दौरान तारकिशोर प्रसाद का नाम भास्कर सबसे पहले सामने लाया था। रेणु देवी का नाम रविवार शाम से सुर्खियों में है। भाजपा ने इन दोनों में से किसी नाम की पुष्टि नहीं की है। ऐसे में यह भी संभव है कि सीनियर मंत्रियों के गतिरोध को देखते हुए डिप्टी सीएम पद पर भाजपा बैकफुट पर आ जाए।

मंगल पांडेय को लेकर कसमसाहट
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय से राजभवन के लिए सूची निकलने के बाद बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस के सामने इस बात को लेकर बवाल तो नहीं हुआ, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बीच यह चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही कि नंदकिशोर को छोड़कर तारकिशोर और प्रेम कुमार की जगह रेणु देवी का नाम क्यों फाइनल किया जा रहा है? नीतीश के मुख्यमंत्री और नित्यानंद के उप मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा पर पार्टी के नेता असहज नहीं थे, लेकिन उनके मन में इस बात की कसक थी कि मंगल पांडेय का नाम दरकिनार क्यों किया जा रहा है।

नंद किशोर को स्पीकर पद से मैनेज करने की कोशिश
नीतीश कुमार की इच्छा के बावजूद सुशील कुमार मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया तो विधानसभा अध्यक्ष पद जदयू के पास रहने की संभावना थी। विजय कुमार चौधरी का नाम भी तय था, लेकिन भाजपा ने जदयू से यह पद ही ले लिया। यह पद अगड़ी जाति के अमरेंद्र प्रताप सिंह को देने की बात थी, ताकि बड़े पदों पर तालमेल बना रहे, लेकिन अब प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर मंत्री रहे नंद किशोर यादव को मैनेज करने में इस पद का इस्तेमाल हो सकता है।

सोमवार दोपहर बाद स्पीकर की जगह अमरेंद्र प्रताप को मंत्री पद देने के बावजूद भाजपा के अंदर का बवंडर नहीं थमा। मंत्रियों की सूची राजभवन पहुंचने के बाद नंदकिशोर यादव और डॉ. प्रेम कुमार के बीच स्पीकर पद पर फैसला होना है। दोनों ही नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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